रांचीःप्रदेश में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा जान 18 से 35 वर्ष की आयु के युवा गंवा रहे हैं, इसकी वजह है ओवरस्पीड. अगर इस पर लगाम लग गया तो सड़क हादसों में काफी कमी आ जाएगी. यह बातें सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वे राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में अफसरों को संबोधित कर रहे थे. मंथन के दौरान सीएम ने ओवर स्पीड पर चिंता जताई. इस दौरान कहा कि झारखंड में 92 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं ओवर स्पीड के कारण ही होती हैं. उन्होंने कहा कि अब सड़क पर घायलों की मदद के लिए वॉलंटियर बनाए जाएंगे.
ये भी पढ़ें-सीएम से मिलने पहुंचे कामदेव, बाइक देख हेमंत बोले-'वाह'
बैठक में सीएम ने कहा कि झारखंड में सड़क दुर्घटना में प्रतिदिन औसतन 10 लोग जान गंवाते हैं. जान गंवाने वालों में से 10 प्रतिशत लोग पैदल चलने वाले और सात प्रतिशत साइकिल सवार हैं. वर्ष 2020 की स्थिति पर गौर करें तो कुल 4377 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 3303 लोग घायल हुए और 3044 लोगों ने जान गंवाईं. इनमें से 92 प्रतिशत दुर्घटना सिर्फ ओवर स्पीड की वजह से हुई. दो प्रतिशत दुर्घटनाएं नशे में, गलत दिशा में वाहन चलाने से चार प्रतिशत, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने और लाल बत्ती क्रॉस करने पर और एक प्रतिशत लोग हादसे के शिकार हुए हैं. वर्ष 2020 में सड़क दुर्घटना के मामले में खूंटी पहले, रांची दूसरे और गुमला तीसरे स्थान पर रहा, जबकि गोड्डा, पाकुड़ और साहिबगंज में सबसे कम सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं.
दोपहिया वाहन से हुए सबसे ज्यादा हादसे
अक्सर देखा जाता है कि एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार काफी तेज होती है और सड़क दुर्घटना की आशंका अधिक बढ़ जाती है. लेकिन वर्ष 2020 में मात्र एक प्रतिशत हादसे एक्सप्रेस-वे पर हुए हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग पर 39 प्रतिशत, राज्य उच्च पथ पर 18 प्रतिशत दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, अन्य सड़कों पर हुई क्षेत्रवार हादसों का विश्लेषण किया जाए तो रेजिडेंशियल क्षेत्र में 24 प्रतिशत, शैक्षणिक क्षेत्र में दो प्रतिशत, मार्केट एरिया में 19 प्रतिशत और सर्वाधिक 55 प्रतिशत हादसे अन्य क्षेत्र में हुए. सबसे अधिक 63 प्रतिशत हादसे सीधी सड़कों पर हुए हैं. वर्ष 2020 में दो पहिया वाहन के 39 प्रतिशत मामले सामने आए हैं. कार, जीप, वैन और टैक्सी से 18 प्रतिशत और ट्रक से 16 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुईं हैं.
हेलमेट पहनें, सीट बेल्ट लगाएं
जीवन सुरक्षा के लिए वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग अवश्य करें. राज्य सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार सुरक्षा मानकों पर ध्यान दिया जाए तो हेलमेट पहनने के बाद दुर्घटना में जान गंवाने की आशंका 14 प्रतिशत ही रह जाती है, जबकि नहीं पहनने की स्थिति में 86 प्रतिशत जान गंवाने की आशंका रहती है. सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने से 22 प्रतिशत मामलों में जान जाने और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 78 प्रतिशत जान जाने की आशंका होती है.
ये भी पढ़ें-झारखंड में पत्थलगड़ी आंदोलन ने फिर पकड़ा तूल, जानिए क्या है पत्थलगड़ी और क्यों हो रहा विवाद