रांचीः बहुचर्चित चारा घोटाला (chara ghotala) के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार (आरसी 47A/96) घोटाला में राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सीबीआई कोर्ट में चल रहे इस मामले में मंगलवार को बचाव पक्ष ने अपनी सफाई पेश की. लेकिन लालू यादव की ओर से बहस नहीं हो पाई. मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी.
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आरजेडी सुप्रीमो सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में आज से बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरू हो गई है. मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष अदालत एसके शशि की अदालत में आंशिक सुनवाई हुई. इस दौरान तत्कालीन वित्तीय सचिव फूलचंद सिंह के अधिवक्ता ने उनके पक्ष में बहस किया.
जिसमें अदालत को बताया कि तत्कालीन वित्त सचिव पर आरोप सही नहीं है और उससे जुड़े दस्तावेज अदालत में पेश किया. वहीं लालू प्रसाद यादव की ओर से मंगलवार को बहस नहीं हुई, अदालत ने अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 19 अगस्त की तारीख निर्धारित की है.
लालू प्रसाद के अधिवक्ता आनंद कुमार विज ने बताया कि चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार (आरसी 47A/96) से अवैध निकासी मामले में बचाव पक्ष की ओर से आज से बहस शुरू हो गई है, यह सुनवाई डे-टू-डे चलेगी. उन्होंने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव ओर से बहस फिजिकल या वर्चुअल सुनवाई के लिए विरोध नहीं किया गया है. मामले में अन्य आरोपियों की ओर से अदालत में आवेदन देकर फिजिकल बहस की मांग की गई थी.
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बहुचर्चित चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है, जहां सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है. इस मामले में फर्जी आवंटन, फर्जी आपूर्ति पत्र-विपत्र से की गई चारा घोटाला के पशुओं का चारा दवा एवं उपकरणों की आपूर्ति के अवैध राशि की निकासी की गई थी. उन्होंने बताया कि पशुओं की ढुलाई के लिए स्कूटर, बाइक ऑटो, जीप जैसे वाहन का प्रयोग किया गया था. इसमें पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय पशुपालन अधिकारी विभाग के अधिकारी बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री मंत्री लालू प्रसाद यादव तत्कालीन पशुपालन मंत्री की सांठगांठ से सरकार के राजस्व की गड़बड़ी की गई थी.
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रांची व्यवहार न्यायालय स्थित सीबीआई की विशेष कोर्ट में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले की सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में लालू प्रसाद यादव समेत करीब 20 आरोपियों को छोड़, अन्य 85 आरोपियों की ओर से अदालत में याचिका दायर कर समय की मांग की गई थी. बचाव पक्ष की ओर से याचिका में कहा गया था कि पिछले आदेश के आलोक में हाई कोर्ट जाएंगे. इसलिए समय दिया जाय. हालांकि अदालत ने अब इस मामले में रोजाना सुनवाई का निर्णय लिया है.
सीबीआई कोर्ट ने कहा कि जो लोग फिजिकल मोड में बहस करना चाहते हैं. वे लोग अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कोरोना महामारी की गाइडलाइन का पालन करते हुए बहस कर सकते हैं. बहस के दौरान अधिकतम पांच व्यक्ति मौजूद रहेंगे, जो लोग वर्चुअल मोड में बहस करना चाहते हैं, वे लोग कोर्ट के परमिशन पर दस्तावेज देख लें और बहस करें. मामले में बहस के लिए दोनों विकल्प खुले हैं. इससे पूर्व बचाव पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर भी सुनवाई हुई.
ये हैं प्रमुख आरोपी
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत 110 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने शुरुआत में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. इस मामले के आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.
लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामले में डे-टू-डे सुनवाई चलेगी, सुनवाई अब आखरी स्टेज में है. अभियोजन पक्ष ने 575 गवाह के बयान के आधार पर बहस पूरी की है. वहीं मामले में बचाव पक्ष 27 आरोपियों की गवाही के आधार पर बहस पूरी करेगी. जिसके बाद सीबीआई के विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी. चारा घोटाला का यह सबसे बड़ा मामला है, ऐसे में लालू प्रसाद यादव समेत सभी आरोपियों की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार मामले में बचाव पक्ष में लालू समेत अन्य आरोपियों ने कुल 26 गवाही दर्ज कराई थी. डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं. सीबीआई ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपी बनाया था, लालू समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.