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चैंबर ने सीएम और परिवहन विभाग के सचिव को लिखा पत्र, मांगें पूरी करने की अपील की

फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज ने परिवहन सचिव के रवि कुमार को पत्राचार किया है, जिसमें उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार लाॅकडाउन से प्रभावित परिवहन व्यवसायियों को सरकारी सहयोग करने की मांग की है.

चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सीएम को लिखी चिट्ठी
चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सीएम को लिखी चिट्ठी

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Published : Oct 14, 2020, 8:25 AM IST

रांची: परिवहन व्यवसायियों को लाॅकडाउन की चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार के ओर से अब तक विशेष सहयोग नहीं दिया गया है. इसे लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज ने चिंता व्यक्त की है और विभागीय सचिव के रवि कुमार को मंगलवार को पत्राचार किया है.

चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि अगर राज्य सरकार लाॅकडाउन से प्रभावित व्यवसायियों को सही मायने में सरकारी सहयोग और प्रोत्साहित करें तब निश्चित ही छह महीने से शिथिल पड़े कारोबार धीरे-धीरे विकास के पथ पर अग्रसर हो जाएगा. पत्र के माध्यम से चैंबर ने राज्य से अंतर्राज्यीय बसों के परिचालन की अनुमति देने के साथ ही 23 मार्च से 30 अक्टूबर 2020 तक सभी व्यवसायिक बसों का टैक्स माफ करने का आग्रह किया गया है, साथ ही इस अवधि के बीच जमा तिमाही टैक्स और जुर्माने का समायोजन किये जाने की मांग रखी है.

चैंबर अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महामारी के कारण पिछले 6 महीने से परिवहन व्यवसाय बंदी के कगार पर है, वहीं दूसरी ओर अब फिटनेस नहीं होने से गाडियां खडी होनी शुरू हो गई है, जो चिंतनीय है.

चैंबर ने नामकुम स्थित ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर को अविलंब चालू करने की व्यवस्था करने का सरकार से आग्रह किया है. उन्होंने पडोसी राज्य बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर झारखंड में भी त्रैमासिक रोड टैक्स की पुरानी व्यवस्था लागू किये जाने की मांग की है.

प्रदेश के सरकारी विभागों में निचले स्तर पर पदस्थापित पदाधिकारियों द्वारा मामले को उलझाकर रखने के रवैये पर झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्राचार किया है, जिसमें कहा गया है कि व्यापारियों और उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए विभाग में उच्च स्तर पर बातें तो हो जाती हैं, लेकिन नीचले स्तर पर उसका क्रियान्वयन कराना काफी मुश्किल है, इसका मुख्य कारण विभागों में नीचले स्तर पर पदस्थापित अधिकारियों की उदासीन कार्यशैली है. चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि राज्य सरकार इस मामले में संज्ञान लेकर विभाागीय अफसरों की जबावदेही तय करें.

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