रांचीःराष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष ने झारखंड के डीजीपी पर नाराजगी जताई है. झारखंड दौरे पर आई राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि राज्य में महिला उत्पीड़न से संबंधित करीब 300 केस लंबे समय से लंबित हैं, जिसपर पुलिस की रवैया गैर-जिम्मेदाराना है.
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आयोग के अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शुक्रवार को डीजीपी से मिली और लंबित केसों पर चर्चा की. लेकिन डीजीपी ने महिला उत्पीड़न के मसले पर संवेदनहीन दिखे. रेखा शर्मा ने कहा कि डीजीपी के रवैये के खिलाफ मुख्यमंत्री को संज्ञान लेने का आग्रह किया. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि लंबित केसों में 25 ऐसे केस हैं, जो काफी गंभीर है. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार लड़की की मां अपनी बेटी को रेस्क्यू कराने के लिए पुलिस से गुहार लगाती है. लेकिन पुलिस चुप्पी साधे रहती है, यह कैसी पुलिस और कैसा प्रशासन है. आयोग की ओर से संज्ञान में लाने के बाबजूद डीजीपी शांत हैं, यह चिंता का विषय है.
ठीक होने के बावजूद हॉस्पिटल में भर्ती है महिलाएं
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कांके स्थित मेंटल हॉस्पिटल का भी दौरा किया. इस दौरान बहुत सारी महिला लंबे समय से ठीक होने के बाद हॉस्पिटल में जबर्दस्ती बंद है. इसपर भी आयोग के अध्यक्ष ने नाराजगी जताई है. रेखा शर्मा ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी की पत्नी वहां ठीक होने के बावजूद रह रही हैं. विधानसभा स्पीकर रवींद्रनाथ महतो की ओर से विधानसभा के एक स्टाफ की पत्नी को मेंटल हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की अनुशंसा पर नाराजगी जताते हुए रेखा शर्मा ने कहा कि स्पीकर डॉक्टर हैं जो यह जान गए कि यह महिला मानसिक रूप से बीमार है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री और स्पीकर को पत्र लिखकर संज्ञान में देंगे.
राज्य महिला आयोग अस्तित्वहीन
राष्ट्रीय महिला आयोग ने राज्य महिला आयोग नहीं होने से आ रही कठिनाई की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है. आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि जब आयोग ही नहीं रहेगा तो महिलाओं की समस्या कौन सुनेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में डायन बिसाही के नाम पर कानून बने हुए हैं. लेकिन आज भी महिलाएं प्रताड़ित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि कानून को सख्ती से पालन कराने की आवश्यकता है.