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पंद्रह दिनों में छह बार चाईबासा पुलिस को टारगेट किया गया, माओवादियों से निपटने के लिए बनी रणनीति

झारखंड के अलग-अलग नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों के लैंड माइंस का शिकार लगातार जवान हो रहे हैं. ताजा मामला झारखंड के चाईबासा का है. यहां हुए आईईडी ब्लास्ट में 3 जवान शहीद हो गए हैं. जबकि 2 जवान घायल हुए हैं. यहां पिछले पंद्रह दिनों में छह बार चाईबासा पुलिस को टारगेट किया गया.

चाईबासा हमला
चाईबासा हमला

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Published : Mar 6, 2021, 2:27 AM IST

रांचीः झारखंड में सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी अब सुरक्षाबलों से सीधी लड़ाई लड़कर गुरिल्ला वार कर रहे हैं. यही वजह है कि भाकपा माओवादियों के प्रभाव क्षेत्र में सुरक्षाबलों और माओवादी संगठन के कैडरों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं कम हुई हैं ,जबकि आईइडी ब्लास्ट घटनाएं बढ़ी हैं.

छुपकर वार करने की नीति पर काम कर रहे हैं नक्सली

कैडर हथियारों की कमी से जूझ रहे भाकपा माओवादियों ने ऐसे में सीधे मुठभेड़ के बजाय पुलिस बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नई रणनीति पर काम करना शुरू किया है.

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चाईबासा में ही बीते पंद्रह दिनों में छह बार पुलिस को सीधे तौर पर टारगेट करने की कोशिश की गई थी, लेकिन पुलिस ने तब आईइडी बरामद कर हमले की साजिश को नाकाम किया था.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नक्सली अब सीधे मुठभेड़ के बजाय अब नई तकनीक की आईईडी, तीर बम, प्रेशर बम जैसी चीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि स्वयं बचे रहकर पुलिस बलों को टारगेट किया जा सके. माओवादियों ने भी स्मॉल एक्शन टीम बनायी है, जो पुलिस की गतिविधियों पर नजर रख कर छोटी संख्या में मौजूदगी देख उन्हें टारगेट करती है.

डीजीपी ने अधिकारियों के साथ की बैठक

झारखंड पुलिस भाकपा माओवादियों से निपटने की नई रणनीति बना रही है. चाईबासा के लांजी पहाड़ में हुई ब्लास्ट के दौरान क्लेमोर माइंस के इस्तेमाल की बात सामने आयी है.

शुक्रवार को राज्य पुलिस मुख्यालय में चाईबासा की नक्सली वारदात को लेकर बैठक हुई. राज्य पुलिस के डीजीपी नीरज सिन्हा ने स्पेशल ब्रांच एडीजी मुरारीलाल मीणा, एडीजी अभियान नवीन कुमार सिंह व सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद थे.

राज्य पुलिस के अधिकारियों को जानकारी मिली है कि भाकपा माओवादी चाईबासा समेत राज्य के अन्य हिस्सों में पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए अलग अलग तरह की नई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं.

चाइबासा में पाइप में नए तरीके की आईइडी प्लांट की गई थी, वहीं लातेहार- गुमला के इलाके में प्रेशर बम के इस्तेमाल की बात सामने आ रही है, जिससे पैदल चलने वाले पुलिस बलों को भी गंभीर रूप से जख्मी किया जा रहा. माओवादियों से बचने की नई रणनीति पर अधिकारियों ने घंटों माथापच्ची की.

कब कब चाईबासा में सुरक्षाबलों पर हमले की रची गई साजिश

पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए सोनुआ के केड़ाबीर, टोला टेंडरकोचा जंगल में भारी मात्रा में हथियार, कोडेक्स वायर, डेटोनेटर, हैंडग्रेनेड समेत कई चीजें रखी गई थीं.

जीवन कंडुलना की निशानदेही पर चाईबासा पुलिस ने एक मार्च को विस्फोटक व हथियार बरामद किए थे.

  • 27 फरवरी को चाईबासा के गुदड़ी इलाके के सोयमारी और दुआरोली में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए आईइडी लगाई गई थी.
  • सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने जंगल से दो आईईडी बरामद की थी, वहीं मौके से माओवादी समर्थक बुधु हंसे को गिरफ्तार किया गया था.
  • 19 फरवरी को चाईबासा पुलिस ने छतीसगढ़ के जयमन अरकी नाम के माओवादी को गिरफ्तार किया था. जयमन ने पुलिस को बताया था कि गोइलकेरा के वनग्राम केदाबुरू के पास जंगली कच्चा रास्ता में माओवादियों ने सुरक्षाबलों को उड़ाने के उदेश्य से आईईडी लगाया था. अभियान के दौरान पुलिस ने पांच- पांच किलो के 21 आईइडी बम सीरीज बरामद किए थे.
  • 16 फरवरी को चक्रधरपुर से सोनुआ जाने वाली पक्की सड़क पर दिग्गी लोटा गांव 14-14 किलोग्राम व गोइलकेरा के नरसंडा गांव से 19-19 किलोग्राम का आईइडी बम बरामद किया गया.
  • 11 फरवरी को पुलिस अधीक्षक चाईबासा की गुप्त सूचना के आधार पर चाईबासा पुलिस एवं सीआरपीएफ 60 बटालियन के द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध संयुक्त ऑपरेशन के दौरान गोइलकेरा थाना अंतर्गत , कुइरा से गितीलिपि जाने वाली मुख्य पक्की सड़क को सर्च के दौरान 40 - 40 केजी के दो आईडी बम बरामद किए गए थे. ये आईइडी केन बम भाकपा (माओवादी) द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य लगाए गए थे.
  • 7 फरवरी को चाईबासा के टोकलो में पुलिस बलों के आईइडी से उड़ाने की कोशिश हुई थी, तब मुठभेड़ में एक जवान को कंधे में गोली लगी थी, आईइडी बम भी पुलिस ने बरामद किया था.

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