रांची: झारखंड में सुखाड़ का मुआयना करने दिल्ली की एक टीम रांची पहुंच चुकी है (Central team reached Ranchi to assess drought ). इस टीम का नेतृत्व भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रुक्मणि कर रही हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले उनकी टीम राज्य सरकार के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेगी और उसके फिर उसके बाद सुखाड़ क्षेत्र का दौरा कर उसका मुआयना करेगी. उसके बाद ही ये तय किया जाएगा कि जो लिस्ट जारखंड सरकार ने जारी किया गया है उस क्षेत्र की क्या स्थिति है.
झारखंड में सूखे का आकलन करने पहुंची केंद्रीय टीम, प्रभावित इलाकों का दौरा कर बनाएगी रिपोर्ट
झारखंड में सुखाड़ राहत के लिए केंद्रीय टीम रांची पहुंच गई है(Central team reached Ranchi to assess drought). दिल्ली से आई इस टीम में कुल दस लोग शामिल हैं. यह टीम राज्य के कई इलाकों में जाएगी और सुखाड़ क्षेत्र का मुआयना करेगी. झारखंड सूखा राहत के लिए मांगेगी 9000 करोड़ की मदद.
झारखंड सरकार ने पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा को छोड़कर सभी 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किया है. जिसे लेकर राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय टीम के समक्ष सूखा राहत सहायता मद से नौ हजार करोड़ की मांग की जाएगी. भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रुक्मणि ने बताया कि राज्य सरकार से जानकारी लेकर 13 जनवरी तक टीम झारखंड के विभिन्न प्रखंडों का जायजा लेगी. इसके बाद यह आंकलन किया जाएगा कि राज्य सरकार की तरफ से जिन क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है वहां की क्या स्थिति है.
सोमवार को रांची पहुंची टीम में डॉ मान सिंह, नीति आयोग के एससी मीणा, निदेशक करण चौधरी, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सलाहकार डी राजशेखर, पशुपालन विभाग के निदेशक वीआर ठाकरे, ग्रामीण विकास के डिप्टी सेक्रेटरी यूके नैयर, जल संसाधन विभाग के निदेशक प्रमोद नारायण, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर के निदेशक महेश कुमार, खादी एवं जन वितरण विभाग के सहायक निदेशक बृजमोहन सिंह शामिल हैं. केंद्र से आई टीम को राज्य सरकार की तरफ से एक रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर झारखंड को मांग के अनुरूप सूखा राहत योजना के तहत केंद्र सरकार से 9000 करोड़ की सहायता राशि मिल सकती है. सूखा राहत के तहत मिलने वाली सहायता राशि राज्य सरकार को तीन किस्तों में मिल सकती है.
इस वर्ष कम बारिश होने की वजह से झारखंड में सूखे की स्थिति बनी हुई है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है. इसी को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से किसान परिवार को सहायता राशि के रूप में 3500 रुपए प्रति किसान परिवार को मुहैया कराया जा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक करीब तीस लाख से अधिक किसान परिवार सूखा से प्रभावित हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसान परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए करीब 1200 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है.