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सरहुल को लेकर केंद्रीय सरना समिति की बैठक, सोमवार को रांची डीसी से मिलेंगे आदिवासी नेता

प्राकृतिक का महापर्व सरहुल को लेकर तैयारियों शुरू हो गयी हैं. झारखंड में सरहुल को लेकर शनिवार को केंद्रीय सरना समिति की बैठक हुई. जिसमें सोमवार को रांची उपायुक्त से मुलाकात करने का निर्णय लिया गया है.

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Published : Mar 27, 2022, 7:05 PM IST

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सरहुल

रांचीः प्राकृतिक का महापर्व सरहुल पूजा को लेकर केंद्रीय सरना समिति की बैठक सरना टोली हातमा में मुख्य पाहन जगलाल पाहन की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस बैठक का संचालन अभय भूट कुंवर ने किया. इस बैठक में प्रमुख रूप से केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा, केंद्रीय अध्यक्ष धूमकुड़िया करम टोली सुनील टोप्पो, आदिवासी जन परिषद अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा मुख्य रूप से शामिल हुए.

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मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने बताया कि 4 अप्रैल 2022 को पूरे झारखंड में सरहुल हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आदिवासी समाज एवं विभिन्न समितियों से अपील करते हुए कहा कि हातमा (सरना टोली) शोभायात्रा का उद्गगम स्थल है. यहां पर सभी संगठन या समाज के अगुआ विभिन्न मौजा के पाहन पुरोहित उद्गम स्थल पर पूजा अर्चना करने के बाद ही शोभायात्रा में निकले.

1970 में मुख्य पाहन जगलाल पाहन के पिता स्वर्गीय मादी पाहन को बाबा कार्तिक उरांव, साधु कुजूर, महादेव उरांव, उमा चरण भगत ने पहली बार बैलगाड़ी से शोभायात्रा का शुभारंभ किया था. 3 अप्रैल 2022 को केकड़ा मछली पकड़ने का कार्यक्रम है और शाम 7:00 बजे जल रखाव कार्यक्रम कार्यक्रम है. 4 अप्रैल 2022 को 10:00 बजे पारंपरिक ढंग से पूजा कर 1:00 बजे केंद्रीय पूजा उद्गगम स्थल हातमा (सरना टोली) से शोभायात्रा प्रारंभ होकर रेडियम रोड, बिहार क्लब, अल्बर्ट एक्का चौक सुजाता चौक होते हुए सिरम टोली सरना स्थल पहुंचेगी.



केंद्रीय सरना समिति अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि सरहुल को विकसित करने के लिए राज्य सरकार विशेष पैकेज की व्यवस्था करे और श्रावणी मेला जैसा वृहद बनाया जाए, साथ ही हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा किया जाए. सरहुल में 3 दिनों का ऐच्छिक अवकाश की घोषणा हो. आदिवासी जन परिषद अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि बा/बाहा/खद्दी/सरहुल महोत्सव एक नैसर्गिक त्यौहार है, सरहुल मानव सृष्टि की उत्पत्ति का महोत्सव है, इसे पर्यावरण महोत्सव भी कहते हैं. राज्य से मांग है कि सरहुल की पढ़ाई प्रथम पाठ्यक्रम में होनी चाहिए और पर्यटन विभाग कला संस्कृति खेल विभाग को सम्मिलित कर सरहुल की व्यापकता में भागीदारी होनी चाहिए.

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केंद्रीय धूमकुड़िया के अध्यक्ष सुनील टोप्पो ने कहा कि आज शोभायात्रा का उद्गम स्थल हातमा सरना टोली समाप्त किया जा रहा है. इसलिए शोभा यात्रा का उद्गम स्थल सरना टोली (हातमा) को बचाके रखना जरुरी है. इस बैठक में सर्व समिति से कई निर्णय लिए गए. जिसमें केंद्रीय सरना समिति आदिवासी समाज व संगठनों से अपील की है कि शोभायात्रा उद्गम स्थल सरना टोली हातमा से ही पूजा अर्चना करने के बाद शोभायात्रा में निकले.


केंद्रीय सरना समिति, केंद्रीय धूमकुड़िया, आदिवासी जन परिषद, आदिवासी लोहरा समाज, एदालहातु सरना समिति, सराईतांड़ सरना समिति, बिरसा विकास जन कल्याण समिति सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि बिना 28 मार्च को सरहुल के मुद्दे पर रांची उपायुक्त से मुलाकात करेगी और ज्ञापन सौपेंगी. केंद्रीय सरना समिति प्राकृतिक महोत्सव सरहुल को लेकर शोभायात्रा निकाली जाएगी.

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