रांची:केंद्र सरकार ने ईडी की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड में अवैध माइनिंग का सर्वेक्षण (Survey of illegal mining in Jharkhand) कराने का निर्णय लिया है. ईडी ने झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध खनन के जरिए उगाही की गई राशि की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच (Money laundering investigation) के दौरान पाया कि राज्य के बाकी जिलों में भी बड़े पैमाने पर खनिजों का अवैध खनन हुआ है. सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के जरिए भी राज्य के वन क्षेत्रों में हुए खनन का पता लगाया गया था. इसके अलावा चार-पांच जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों से पूछताछ में भी अवैध खनन को लेकर कई महत्वपूर्ण सूचनाएं हाथ लगी थीं. इन सभी सूचनाओं और जांच में हाथ आए दस्तावेजों-साक्ष्यों के आधार पर ईडी ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण सचिव को पत्र लिखा था.
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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय में इस मुद्दे पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया है कि पूरे राज्य में अवैध खनन का सर्वेक्षण कराया जाएगा. इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. सर्वेक्षण का यह काम जल्द ही शुरू कराया जा सकता है.
इधर, झारखंड सरकार ने भी अवैध खनन में ईडी की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाने का निर्णय लिया है. स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर सूचित किया है कि ईडी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अवैध रूप से निकाले गए खनिज का परिवहन रेलवे द्वारा बगैर चालान या फर्जी चालान के आधार पर किया गया है. राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही उच्चस्तरीय कमेटी अवैध खनन और परिवहन में रेलवे और इसके अफसरों की भूमिका की जांच करेगी.
ईडी ने सिर्फ झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध खनन और परिवहन के जरिए एक हजार करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का पता लगाया है. यह आंकड़ा एजेंसी ने साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट में जमा की गई चार्जशीट में भी दिया है. इससे इतर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को ईडी की ओर से जो पत्र लिखा गया है, उसमें बताया गया है कि राज्य में सामान्य क्षेत्रों के अलावा वन क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है. कई लोग राज्य सरकार से लीज लिए बगैर अवैध खदानों का संचालन कर रहे हैं. कई लीजधारक अपने लीज क्षेत्र से बाहर जाकर अवैध खनन कर रहे हैं. इससे न सिर्फ राज्य और केंद्र को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि वन एवं पर्यावरण को भी व्यापक क्षति पहुंच रही है.
ईडी ने पत्र में बताया है कि राज्य में विभिन्न जिलों में अवैध खनन के मामलों में 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं. सिर्फ साहिबगंज जिले में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिल कर 19 अवैध खनन स्थलों की जांच में 23.26 करोड़ रुपये मूल्य के पत्थरों के अवैध खनन का आकलन किया गया है. जिले के बड़हरवा, साहिबगंज और बिहार के पिरपैंती रेलवे साइडिंग से अवैध खनन के सहारे निकाले गये 1350 करोड़ रुपये के मूल्य के पत्थर और स्टोन चिप्स का परिवहन किया गया.
इनपुट-आईएएनएस