रांची:केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए नारी शक्ति वंदन विधेयक की खुशी में बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर जश्न मनाया. इस दौरान महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने ना केवल एक-दूसरे को गुलाल लगाई बल्कि वे लड्डू खिलाकर एक-दूसरे को बधाई देती दिखीं. बीजेपी प्रदेश कार्यालय के समक्ष प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष आरती कुजूर के नेतृत्व में महिलाओं ने झारखंड का पारंपरिक नृत्य कर खुशी मनाई.
महिला आरक्षण बिल की खुशी में जमकर झूमीं बीजेपी महिला मोर्चा की कार्यकर्ता, मिठाई बांटकर मनाया जश्न - ranchi news
देश की संसद में पेश महिला आरक्षण विधेयक यानी कि नारी शक्ति वंदन विधेयक की खुशी को लेकर भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जश्न मनाया. इस खुशी में मिठाईयां बांटी गईं और एक दूसरे को बधाइयां दी गई.
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Published : Sep 20, 2023, 7:20 PM IST
इस मौके पर महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर के नेतृत्व में महिलाओं ने केंद्र की मोदी सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि लंबे समय से महिला आरक्षण की मांग की जा रही थी, जिसे पूरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक कदम उठाया है. इस मौके पर बीजेपी नेत्री सीमा शर्मा ने कहा कि आरक्षण का लाभ भले ही 2029 में मिलेगा. मगर जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आधी आबादी को राजनीति के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाया है, उससे महिलाएं गौरवान्वित हैं. भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आरती सिंह ने कहा कि जब हमने 27 सालों तक महिला आरक्षण की प्रतीक्षा की तो कुछ साल और भी इंतजार कर लेंगे. परिसीमन और जनगणना के बाद 2029 में इसे लागू किया जाएगा.
महिलाओं के लिए 33% सीटें होंगी आरक्षित:केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में पेश नारी शक्ति वंदन विधेयक में लोकसभा और देश के विभिन्न राज्यों में स्थित विधानसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण का प्रावधान है. मंगलवार को विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के द्वारा संविधान के 128 वें संशोधन विधेयक 2023 पेश किया गया. यह महिला सशक्तिकरण से संबंधित विधायक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. इसी तरह झारखंड विधानसभा में भी महिलाओं की संख्या बदल जाएगी. लोकसभा में पेश इस विधेयक के तहत महिला आरक्षण का प्रावधान 15 साल के लिए रखा गया है जो 2029 के लोकसभा चुनाव में लागू होगा.