रांची: राज्यसभा चुनाव 2012 में खरीद-फरोख्त के मामले में सीबीआई का गवाह विकास सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहा है, जिससे जांच प्रभावित हो रहा है. विकास सिंह के कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं होने के कारण इस मामले में क्रॉस एग्जामिनेशन नहीं हो पा रहा है. राज्यसभा चुनाव 2012 मामले में सीबीआई ने एकमात्र विधायक सीता सोरेन समेत छह आरोपियों पर चार्जशीट किया था. राज्यसभा चुनाव को लेकर 30 मार्च 2012 को मतदान होना था. मतदान के दिन सुबह रांची पुलिस ने चेकिंग के दौरान प्रत्याशी आरके अग्रवाल के रिश्तेदार की गाड़ी से 2.15 करोड़ रुपए बरामद किए थे.
गवाह नहीं आने के कारण सुनवाई बाधित
सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक विकास सिंह के कोर्ट के समक्ष हाजिर नहीं होने के कारण इस मामले में क्रॉस एग्जामिनेशन नहीं हो पा रहा है. सीबीआई के मुताबिक विकास की गवाही सीबीआई ने 164 के तहत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने चुनाव में खरीद-फरोख्त और पैसे के लेनदेन को लेकर कई जानकारियां दी थी, लेकिन अब कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन में नहीं आने के कारण सुनवाई प्रभावित हो रही है. विकास सिंह के क्रॉस एग्जामिनेशन के बाद के बाद इस मामले में केस के अनुसंधानकर्ता रहे सीबीआई के एसपी एसके झा का भी क्रॉस एग्जामिनेशन कोर्ट में होना है. गौरतलब है कि विकास पूर्व विधायक सीता सोरेन का चालक था. सीबीआई ने विकास के अलावा सीता सोरेन के साथ काम करने वाले एक अन्य कर्मी विकास पांडे को भी गवाह बनाया था.
2013 में ही सीबीआई कर चुकी है चार्जशीट
राज्यसभा चुनाव 2012 मामले में सीबीआई ने एकमात्र विधायक सीता सोरेन समेत छह आरोपियों पर चार्जशीट किया था. सीबीआई के चार्जशीटेड में आरोपियों में निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल, पवन कुमार धूत, धूत के मैनेजर सुनील कुमार महेश्वरी, सीता सोरेन के पिता बोध नारायण मांझी और गैर सरकारी पीए राजेंद्र मंडल शामिल थे. सभी आरोपियों पर सीबीआई ने साल 2013 में चार्जशीट फाइल किया था. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि सीता सोरेन ने राज्यसभा प्रत्याशी से एक करोड़ रुपए लिए थे. सीता सोरेन के पिता के यहां एफडी संबंधित कागजात और नकदी भी छापेमारी में बरामद किया था.
इसे भी पढे़ं:-बालाजी की तर्ज पर श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में अब ऑनलाइन करेंगे दर्शन, हाई कोर्ट का फैसला
क्या है पूरा मामला
राज्यसभा चुनाव को लेकर 30 मार्च 2012 को मतदान होना था. मतदान के दिन सुबह रांची पुलिस ने चेकिंग के दौरान प्रत्याशी आरके अग्रवाल के रिश्तेदार की गाड़ी से 2.15 करोड़ नकदी बरामद किया था. मामले में तब नामकुम थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में केस को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया था. जांच में सीता सोरेन के यहां काम करने वाले कर्मियों ने कई सबूत सीबीआई को दिए थे, जिसके बाद सीबीआई ने उनके यहां के कर्मियों को गवाह बनाया था. वहीं, इस मामले में तत्कालीन विधानसभा के दो दर्जन विधायकों की भूमिका भी काफी संदिग्ध थी. बाद में हालांकि सीबीआई ने सिर्फ एकमात्र विधायक पर चार्जशीट किया था.