रांची: हेमंत सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम के बाद सरकारी कर्मियों को एक और सौगात देने की तैयारी में है. लंबे समय से चिकित्सा सुविधा की मांग को देखते हुए राज्य सरकार कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा (Cashless Health Insurance For Government Employees) देने की तैयारी कर रही है. संभावना यह है कि 10 अक्टूबर को होने वाले कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी.
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दरअसल झारखंड सरकार ने 2014 में अपने कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा के माध्यम से कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला किया था. इसके तहत कार्यरत कर्मचारियों को दिए जाने वाले चिकित्सा भत्ता को बंद कर 6000रु वार्षिक प्रीमियम के आधार पर उनका स्वास्थ्य बीमा कराने का फैसला लिया गया था. कैबिनेट से पारित प्रस्ताव के बाद इस संबंध में संकल्प भी जारी किया गया था. मगर इसे लागू नहीं किया जा सका.
विधानसभा कमेटी ने सरकार को इसे लागू करने को कहा है: इस संबंध में बनी विधानसभा की प्रत्यायुक्त कमेटी ने सरकार द्वारा लिए गए फैसले से संबंधित फैसले को लागू करने को कहा है. समिति के सभापति विनोद सिंह ने इस संबंध में स्वास्थ्य एवं कार्मिक विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं. कमेटी की पहल पर सरकार और कर्मचारी संगठनों से भी वार्ता हो चुकी है. कर्मचारी संगठनों की सलाह विधानसभा समिति को भी दी गई थी.
स्वास्थ्य भत्ता बंद हो जायेगा:राज्य सरकार के इस निर्णय से झारखंड सरकार के करीब दो लाख कर्मियों को लाभ मिलेगा. वर्तमान समय में राज्य सरकार के कर्मियों को 1000रु के हिसाब से स्वास्थ्य भत्ता मिलता है. कैशलेस स्वास्थ्य बीमा के बाद यह सुविधा बंद हो जाएगी. स्वास्थ्य विभाग इस योजना को लेकर नियमावली बनाने में जुटी है. जिसमें अस्पतालों के नाम का पैनल और बीमारियों की सूची भी रखी जाएगी. जिसमें उन्हें स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होगा.
1 करोड़ का होगा स्वास्थ्य बीमा: जानकारी के तहत राज्य सरकार एक करोड़ का स्वास्थ्य बीमा का लाभ कर्मचारियों को देगी. इसके लिए हेल्थ कार्ड मुहैया कराई जायेगी. कर्मचारी महासंघ के राज्य सचिव मृत्युंजय कुमार झा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे कर्मचारियों को काफी लाभ मिलेगा. पहले से चला आ रहा ₹1000 प्रतिमाह भत्ता बंद हो जाएगा. उसके स्थान पर एक करोड़ का स्वास्थ्य बीमा सरकार के द्वारा कराया जाएगा.