रांचीः पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के आवास में पाली जा रही मुर्गियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद सोमवार से मुर्गियों-बतख को मारने का काम शुरू हो गया है. ओल्ड जेल रोड चौराहा से एक किलोमीटर की परिधि में सभी मुर्गियां, बत्तख और अन्य पक्षी को मारा जा रहा है. वहीं अंडे को भी नष्ट किया जा रहा है. बर्ड फ्लू अन्य क्षेत्रों में न फैले इसलिए पशुपालन विभाग, रांची नगर निगम, जिला प्रशासन और रांची पुलिस की टीम जॉइंट अभियान चला रही है.
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रविवार को उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने जिला पशुपालन पदाधिकारी, रांची नगर निगम के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में यह तय हुआ कि जल्द ही भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार एक इन्फेक्टेड जोन में अभी बैकयार्ड यानि मुर्गा-मुर्गी, बत्तख को मार कर डिस्पोज्ड किया जाए. केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार ओल्ड जेल रोड चौराहा से 10 किलोमीटर की परिधि में पॉल्ट्री फार्म को बंद कर मुर्गों का सर्विलांस किया जा रहा है. अगले 21 दिन तक इस क्षेत्र में पॉल्ट्री की आवाजाही और व्यापार पर रोक भी जारी रहेगी.
मुर्गियां मारने के दौरान परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा हैःराजधानी के प्लाजा सिनेमा के बगल वाले लोहड़ा कोचा, डॉ एस एन यादव गली, अहिर टोली में बर्ड फ्लू से बचाव के लिए मुर्गियों को मारने के लिए निकली टीम को परेशानियां यह आ रही हैं कि कई बार देसी मुर्गियां पेड़ पर चढ़ जा रही हैं तो कई इलाकों में लोग मुर्गी होने की बात छुपा ले रहे हैं. ऐसे में सोमवार को काफी कम मुर्गियां मारी जा सकी है.
फोर्सली कर्लिंग टीम में मजिस्ट्रेट बनाये गए रितेश पन्ना ने कहा कि परेशानियां तो हैं लेकिन जीरो बैकयार्ड होने तक अभियान जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ साथ सभी क्षेत्रों में कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है, जहां जहां मुर्गियां मारी जा रही है. वहां सेनेटाइज भी कराया जा रहा है. रांची से अन्य भाग में एवियन इंफ्लुएंजा वायरस न फैले इसलिए भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार एक किलोमीटर के क्षेत्र में जिन मुर्गी-बत्तख पालकों की मुर्गियां या बतख मारी जाएगी या अंडे बर्बाद किये जायेंगे उन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा. अभी तक ओल्ड जेल रोड चौराहा के एक किलोमीटर रेडियस में 300 से अधिक मुर्गियों की पहचान हो चुकी है जिसे मारा जाना है.
बर्ड फ्लू में मुर्गियों के मारे जाने पर है मुआवजे का प्रावधानःवायरल बीमारी बर्ड फ्लू के आउट ब्रेक के बाद इसके फैलाव को रोकने के लिए भारत सरकार की पूरी गाइडलाइन है. जिसके तहत जिस इलाके में बर्ड फ्लू का आउट ब्रेक होता है. उसके 1 किलोमीटर की रेडियस में सभी पॉल्ट्री जीवों, मुर्गियों- बत्तख को मारकर उसे डेढ़ से दो मीटर का गड्ढा खोद कर डिस्पोज किया जाना है.
कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने घोषणा की है कि बर्ड फ्लू की वजह से जिन किसी मुर्गी पालकों की मुर्गियां मारी जाएगी, उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा. भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबेंडरी, डेयरिंग एंड फिशरीज ने एक नियम बनाया हुआ है. 23 मई 2013 को जारी दिशा निर्देश के अनुसार ही अभी मुआवजा देने का प्रावधान है.
इसके तहत लेयर के प्रति चिक्स के लिए 20 रुपये और प्रति एडल्ट के लिए 90 रुपये, ब्रॉयर के चिक्स के लिए भी 20 रुपया और प्रति एडल्ट के लिए 70 रुपया मुआवजा देने का प्रावधान है. इसी तरह 3 रुपये प्रति अंडा और 12 रुपये पर किलो के हिसब्वसे पॉल्ट्री फीड के लिए सहायता देने का प्रावधान है. बर्ड फ्लू के चलते हुए नुकसान के मुआवजे की राशि का 50% खर्च राज्य सरकार और 50% राशि भारत सरकार वहन करती है.