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बसों के परिचालन के बाद भी संचालक असंतुष्ट, यात्रियों के नहीं निकलने से जेब पर पड़ रहा असर

कोरोना काल के बीच झारखंड में बसों का परिचालन शुरू हो गया है, लेकिन यात्री घरों से कम निकल रहे हैं, जिसके कारण बस संचालकों का खर्चा नहीं निकल पा रहा है. यात्रियों की मानें तो उनका कहना है कि बस संचालक कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं, साथ ही भाड़ा भी दोगुना कर दिया गया है, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है.

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बसों के परिचालन से भी संचालक नाखुश

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Published : Sep 9, 2020, 5:55 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लंबे समय से बंद पड़े बस का परिचालन शुरू हो गया है, लेकिन बस मालिकों का परेशानी कम नहीं हुई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार के ओर से जारी आदेश का पालन करते हुए बस का परिचालन करना है. पैसेंजर से मोबाइल नंबर आधार कार्ड और पता का डिटेल्स लेने के बाद ही पैसेंजर को बस में चढ़ाने की अनुमति है. दोगुना भाड़ा बढ़ाए जाने के कारण काफी कम पैसेंजर बस में सफर करना पसंद कर रहे हैं, जिससे बस मालिक किसी तरह मेंटेनेंस का बस खर्च निकाल पा रहे हैं.

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बस संचालकों की मानें तो बस में कभी कभी 4 से 5 पैसेंजर लेकर ही जाना पड़ता है, जिस तरह पहले लोग घर से निकलते थे, उतने लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं पैसेंजरों की मानें तो सरकार के आदेशों का पालन बस संचालक के ओर से नहीं किया जा रहा है, कोरोना काल में जहां लोगों को रोजी रोजगार के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है, वहीं बस संचालक दोगुना भाड़ा भी वसूला रहे हैं, पहले एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए जो भाड़ा लगता था आज दोगुना भाड़ा हमें चुकाना पड़ रहा है, इससे गरीब से मध्यम परिवार के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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