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हेमंत सरकार के कैबिनेट के एक्सपेंशन में देरी से बजट प्रक्रिया प्रभावित, जनवरी के बजाए फरवरी में पेश हो सकता है मूल बजट

झारखंड में महागठबंधन की सरकार के पूरी तरह शेप लेने में हो रही देरी का असर आगामी वित्त वर्ष के बजट पर भी पड़ने की पूरी उम्मीद है. राज्य में मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया, जबकि आठ और मंत्रियों को अभी शपथ लेना है. मंत्रियों के शपथ ग्रहण में देरी और विभागों के बंटवारा में समय लगने की वजह से मूल बजट के बनाने को लेकर भी देर हो रही है.

हेमंत सरकार के कैबिनेट के एक्सपेंशन में देरी से बजट प्रक्रिया प्रभावित, जनवरी के बजाए फरवरी में पेश हो सकता है मूल बजट
हेमंत सोरेन

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Published : Jan 15, 2020, 1:34 PM IST

रांचीः झारखंड में महागठबंधन की सरकार के पूरी तरह शेप लेने में हो रही देरी का असर आगामी वित्त वर्ष के बजट पर भी पड़ने की पूरी उम्मीद है. दरअसल अभी तक राज्य में मुख्यमंत्री समेत तीन मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया है. जबकि आठ और मंत्रियों को अभी शपथ लेना है. हालांकि महागठबंधन के प्रमुख घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस का दावा है कि अब इसको लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी और अगले एक हफ्ते में पूर्ण मंत्रिमंडल का गठन भी हो जाएगा. उसके बाद मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी कर दिया जाएगा.

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विधानसभा के विशेष सत्र में पेश हुए है अनुपूरक

वैसे तो सरकार गठन के बाद आयोजित हुए झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्त मंत्री की हैसियत से 4210 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया है. उसके बाद 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए मूल बजट भी सदन में रखा जाना है. मंत्रियों के शपथ ग्रहण में देरी और विभागों के बंटवारा में समय लगने की वजह से मूल बजट के बनाने को लेकर भी देर हो रही है.

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3 वर्षो से जनवरी में ही पेश होता रहा है मूल बजट

पिछले आंकड़ों को देखें तो 3 साल से लगातार जनवरी के चौथे हफ्ते में मूल बजट झारखंड विधानसभा में पेश किया जा रहा था. मौजूदा सरकार में यह लगभग एक महीना देर से पेश किया जा सकेगा. आधिकारिक सूत्रों की माने तो योजना समिति विभाग बजट की तैयारी में लगा है. साथ ही गैर योजना बजट के प्रारूप का काम भी फाइनल स्टेज में है. आंकड़ों पर गौर करें तो 2013-14 में राज्य का मूल बजट 39549 करोड़ का था. वहीं 2019-20 में बढ़कर यह 85249 करोड़ का हो गया। अगले वित्त वर्ष में इसके और बढ़ने की उम्मीद है.

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बीजेपी ने लिया आड़े हाथों

इस मुद्दे पर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री दिल्ली की चार यात्राएं कर चुके हैं, लेकिन उनके मंत्रिमंडल को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हालांकि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन अभी तक मंत्रालय को लेकर तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पाई है. मौजूदा सरकार ने झारखंड की अपनी सरकार होने का दावा किया लेकिन इसके तार दिल्ली से जुड़े हुए हैं. कैबिनेट सहयोगियों के नाम पर हरी झंडी लेने के लिए मुख्यमंत्री को दिल्ली जाना पड़ रहा है. यह अपने आप में विरोधाभास है.

झामुमो ने कहा न करें चिंता

वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने साफ कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में भले देरी हो रही है लेकिन तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि लोगों को पता है कि सरकार का खजाना खाली है. हालांकि योजनाएं बन रही हैं बजट का जो आकार है वह भी तय हो रहा है. इसके लिए चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि इस जनादेश के साथ सरकार बनी है उसका पूरा सम्मान किया जाएगा.

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