रांची:आरयू के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी अन्य विश्वविद्यालयों से बेहतर है. आरयू के हजारों विद्यार्थी खेल के क्षेत्र में परचम लहरा चुके हैं, जिसमें तीरंदाजी में मधुमिता, एथलेटिक्स में फ्लोरेंस बारला जैसे नाम शामिल हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पटल पर विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है, लेकिन इन खिलाड़ियों के हित में फैसला लेने में रांची यूनिवर्सिटी (Ranchi University) फेल साबित हुआ है.
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आरयू के विद्यार्थी हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते आ रहे हैं. विद्यार्थियों ने पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी अंतरराष्ट्रीय पटल पर विश्वविद्यालय, राज्य और देश का नाम रोशन किया है. उसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन खिलाड़ियों से जुड़े महत्वपूर्ण फैसला लेने में फेल है. खिलाड़ियों को प्रोफेसनल बनने के लिए बीपीएड की डिग्री या डिप्लोमा लेना अनिवार्य होता है, लेकिन पिछले 60 सालों में रांची विश्वविद्यालय में इस कोर्स की शुरुआत नहीं हो पाई है. जबकि खिलाड़ी लगातार इस ओर ध्यान देने की अपील कर रहे हैं.
प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बीपीएड का प्रमाण पत्र आवश्यक
बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन और डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन नाम से संचालित होने वाला कोर्स यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों और खिलाड़ियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. किसी भी यूनिवर्सिटी स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए खिलाड़ियों को बीपीएड का प्रमाण पत्र दिखाना पड़ता है. बीपीएड के लिए विद्यार्थी प्राइवेट विश्वविद्यालय या फिर दूसरे राज्यों में पढ़ाई कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें मोटी रकम देनी पड़ती है, जो खिलाड़ियों के लिए दुर्भाग्य की बात है.