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Ranchi News: कांग्रेस नेताओं की घर वापसी अभियान में देरी पर भाजपा ने कसा तंज, कहा- 'डूबते नाव की कोई नहीं करना चाहता सवारी'

झारखंड में घोषणा के बाद भी 'आ अब लौट चले अभियान' शुरू नहीं करने पर भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसा है. जिसका जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि समीक्षा के बाद नेताओं की होगी वापसी.

Aa Aab Laut Chalein campaign in jharkhand
Aa Aab Laut Chalein campaign in jharkhand

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Published : May 24, 2023, 7:57 PM IST

नेताओं के बयान

रांची:झारखंड में कांग्रेस पार्टी को छोड़ गए नेताओं को फिर से संगठन से जोड़ने का अभियान धरा का धरा रह गया है. घोषणा के एक महीने बाद भी कांग्रेस की 'आ अब लौट चले अभियान' शुरू नहीं हो सका है. इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसा है.

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दरअसल, 17 अप्रैल 2023 को झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सत्याग्रह यात्रा के समापन कार्यक्रम के दौरान पुराने कांग्रेसियों की पार्टी में पुनर्वापसी के लिए जल्द "आ अब लौट चले अभियान" शुरू करने की घोषणा की थी. इस घोषणा के एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पार्टी छोड़ चुके नेताओं की घर वापसी अभियान नहीं शुरू होने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता ने तंज कसते हुए कहा कि डूबते हुए नाव की सवारी कौन करना चाहता है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि जब कांग्रेस में वापसी वाले नेता ही नहीं हैं तो काहे का 'आ अब लौट चले अभियान'. वहीं कर्नाटक जीत से उत्साहित कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि अब जिनकी भी पार्टी में पुनर्वापसी होगी, उनके पृष्ठभूमि की पहले समीक्षा होगी, इसलिए इस अभियान को शुरू करने में देरी हो रही है.

डूबते नाव में कोई सवारी नहीं करना चाहता, इसलिए हो रही है कांग्रेस के अभियान में देरी-भाजपा:'आ अब लौट चले' अभियान के शुरू होने में हो रही देरी पर तंज कसते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अविनेश कुमार सिंह ने कहा कि कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरे से सब वाकिफ हैं. कर्नाटक में उनकी जीत बिलाई के भाग्य से छींका फूटने जैसा है. भाजपा नेता ने कहा कि सब जानते हैं कि कांग्रेस डूबती नाव के समान है. जब कोई पुनर्वापसी करने वाला नेता ही नहीं मिल रहा है तो 'आ अब लौट चलें' अभियान कैसे चलेगा.

घर वापसी चाहने वाले नेताओं की पृष्ठभूमि की होगी समीक्षा, इसलिए अभियान शुरू होने में देरी-राजेश ठाकुर: कांग्रेस की कर्नाटक जीत के बाद झारखंड कांग्रेस का भी हौसला बढ़ा हुआ है. ऐसे में अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कहते हैं कि कोई भी जॉइनिंग से पहले घरवापसी करने वाले नेताओं की सभी आयामों की समीक्षा होगी. राजेश ठाकुर ने कहा कि ऐसा इसलिए जरूरी है, क्योंकि बिना समीक्षा के पार्टी वापसी से 'आया राम, गया राम' वाली स्थिति हो जाती है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी नेता की घर वापसी से पहले प्रदेश महासचिव, संबंधित जिला के जिलाध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्षों, प्रभारी सचिव का मंतव्य लिया जाएगा, उसके आधार पर ही किसी नेता की कांग्रेस में पुनर्वापसी होगी.

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झारखंड कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में जानेवालों की लंबी है फेहरिस्त: झारखंड कांग्रेस में महिला कांग्रेस की पहली अध्यक्ष प्रतिभा पांडेय, प्रदेश महासचिव राजेश शुक्ला, यूथ कांग्रेस साहिबगंज अध्यक्ष रहे वर्तमान झामुमो के राजमहल सांसद विजय हांसदा, बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और वर्तमान में झामुमो विधायक सरफराज अहमद, छोटे राजा के नाम से विख्यात विधायक अनंत प्रताप देव, अजय कच्छप, अनिता टुडू, कामेश्वर दास, सन्नी टोप्पो, डीपी जामुदा, मास्टर साहब, अकीलूर रहमान, चित्रसेन सिंकू, सन्नी सिंकू जैसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है, जो अब कांग्रेस में नहीं है. किसी ना किसी वजह से या राजनीतिक महत्वकांक्षा की वजह से इन लोगों ने कांग्रेस का दामन छोड़ किसी अन्य दल का दामन थाम लिया था. ऐसे नेताओं की घर वापसी कार्यक्रम कांग्रेस शुरू करने का इरादा रखती है. अब देखना होगा कि कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस का 'आ अब लौट चले अभियान' कब शुरू हो पाता है.

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