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बहरूपिया के तरह सड़कों पर उतर रही कांग्रेस, किसानों को ठगने का कर रही काम: आदित्य साहू - किसानों की आय दोगुनी

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान हित के लिए कल्याणकारी योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया है, झारखंड सरकार किसानों का हित नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानो के हित में है, जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है.

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बीजेपी की पीसी

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Published : Dec 14, 2020, 5:48 PM IST

रांची:झारखंड की विपक्षी दल बीजेपी ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि किसान हित के लिए कल्याणकारी योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया है, इससे यह साफ हो गया है कि सरकार किसानों का हित नहीं चाहती है. प्रदेश बीजेपी के महामंत्री आदित्य साहू ने बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में कहा कि केंद्र सरकार के ओर से बनाए गए नए कृषि कानून किसानों के हित में है, लेकिन कांग्रेस पार्टी चोला बदल बदलकर बहरूपिया के रूप में सड़कों में उतरने का काम कर रही है और किसानों को ठगने में लगी हुई है.

बीजेपी की पीसी

कृषि सुधार कानून से किसानों को फायदा
आदित्य साहू ने कहा कि देश में मोदी की सरकार जब से बनी उस समय से सरकार गांव, गरीब, किसान के लिए समर्पित रही है और 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मोदी सार्थक पहल कर रही है, इसके लिए दृढ़ संकल्पित है. उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानून इस दिशा में उठाया गया एक बेहतर कदम है, इस कानून के माध्यम से भारत के किसान आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनेंगे, लेकिन कांग्रेस पार्टी को दिक्कत हो रही है, क्योंकि कभी भी उन्होंने किसानों के हित के बारे में नहीं सोचा है, बल्कि सिर्फ लोगों को ठगने और बेवकूफ बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र में वादे किए थे। उस ओर नहीं बढ़ रही है। जबकि मोदी सरकार सभी वादों को पूरा करने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग बिचौलिया और बिचौलियों को सरंक्षण देने वाले हैं। वह नए कृषि कानून को लेकर अपने आप को परेशानियों में घिरा दिख रहे हैं। इसलिए आंदोलन के नाम पर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

किसान कहीं भी बेच सकते हैं अनाज
बीजेपी के महामंत्री ने कहा कि इस कानून के तहत किसान अपनी उपज को मंडी के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी बेच सकते हैं, साथ ही देश के किसी भी मंडी में जहां उन्हें उचित मूल्य मिलता है, वहां जाकर स्वतंत्र रूप से अपनी उपज को बेचने का अधिकार इस कानून के माध्यम से दिया गया है, साथ ही किसी भी विवाद को स्थानीय स्तर पर 30 दिनों के अंदर सुलझाने का प्रावधान है, इसमें कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि 2009-10 में जब यूपीए की सरकार बनी थी, तो कृषि बजट 12 हजार करोड़ रुपये का था, जो बढ़कर नरेंद्र मोदी की सरकार में 134000 करोड़ रुपया हो गया है, यूपीए सरकार ने 10 सालों में किसानों के 70000 करोड़ रूपया ऋण माफ करने का काम किया था, जबकि मोदी सरकार ने 75000 करोड रुपए प्रत्येक वर्ष किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों के खाते में भेजने का काम किया है और अब तक सम्मान निधि के तहत 92000 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं, इसके साथ-साथ आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र में एक लाख करोड़ की घोषणा की गई है, जो देश के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है, इसके अलावा किसानों के ऋण की राशि 8 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये किया गया है.

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हेमंत सरकार पर निशाना
आदित्य साहू ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2009 से 2014 तक 374000 करोड रुपए का एमएसपी पर खरीद की थी, जबकि मोदी सरकार ने 2014 से 2019 के बीच में आठ लाख करोड़ की एमएसपी पर खरीद की गई है, इस तरह से कहा जा सकता है कि मोदी सरकार ने वही काम किया है जो किसानों के हित में हो. उन्होंने कहा कि रघुवर दास की सरकार में भी किसानों के लिए किसान समृद्धि विकास योजना चलाया गया था, जिसके तहत प्रत्येक वर्ष 1 एकड़ जमीन के लिए 5000 रुपये देने का प्रावधान किया गया था, जो हेमंत सरकार ने बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि जो भी कल्याणकारी योजनाएं हैं, उसे झारखंड सरकार बंद कर रही है, इन सभी का पर्दाफाश करने के लिए बीजेपी सड़क पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा मजदूर, किसान के लिए विकास का काम करती आई है, लेकिन वर्तमान सरकार के मुखिया धान खरीद की घोषणा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव धान की खरीद की रोक की घोषणा करते हैं और कहा जाता है कि धान अभी गिला है, इस तरह से लोगों को यह सरकार दिग्भ्रमित कर रही है, यह बोलते कुछ और करते कुछ और हैं.


पंचायत चुनाव सरकार नहीं कराना चाहती
आदित्य साहू ने कहा कि पंचायत चुनाव सरकार नहीं कराना चाहती है, ताकि प्रशासनिक पदाधिकारियों के माध्यम से पैसा उगाही का काम किया जा सके. उन्होंने कहा कि ऐसे में गांव का विकास रुकेगा और जो गांव के लोगों को योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाएगा. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश के तहत प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में बीजेपी के कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन करेंगे और राज्य की सरकार को जगाने का काम करेंगे.

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