रांचीः जमीन हड़पने के आरोपों पर सीएम हेमंत सोरेन ने खरा जवाब दिया है. सोमवार को एक कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने इस राज्य से महाजनी व्यवस्था को दूर करने के लिए संघर्ष किया. आदिवासी और मूलवासी के अधिकार को दिलाने में अपना पूरा जीवन लगा दिया, उसी परिवार पर आज जमीन हड़पने का लांछन लगाया जा रहा है. हमारी सरकार जमीन से कब्जा हटवा रही है और यह बात विपक्ष हजम नहीं कर पा रहा है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान पर झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने तंज कसते हुए एक ट्वीट किया है. बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि ''प्रिय हेमंत सोरेन जी, आपसे करबद्ध निवेदन है कि आप राज्य में नए महाजनों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करें. राज्य में एक ही परिवार की 108 अचल संपत्तियों का पता सीबीआई ने लगाया है और महाजन ने खुद भी दिल्ली हाईकोर्ट में इसे शपथ पत्र देकर कबूल किया है'.
बाबूलाल मरांडी ने अपने पोस्ट में दिये गये जमीन की लिस्ट का जिक्र करते हुए आगे लिखा है कि 'ये संपत्तियां रांची, बोकारो, धनबाद, दुमका जैसे शहरों में हैं. अरबों की ये जमीनें आदिवासी भाइयों से ले ली गई हैं. सीएनटी एक्ट का उल्लंघन भी हुआ है. एक ही परिवार खुद को दुमका, बोकारो, रांची और रामगढ़ का वासी बताता है. फिर सीएनटी के दायरे में आने वाली जमीन अपने नाम कर लेता है.'
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे अपने ट्वीट में लिखा है कि 'उस परिवार की संपत्तियों को अटैच कर गरीबों, आदिवासियों, दलितों और भूमिहीनों में बंटवाने का कष्ट करें. ये सभी आपको दुआएं देंगे. नीचे उन 108 संपत्तियों का विवरण हैं. हिम्मत दिखाइए हेमंत जी'.
क्या कहा था मुख्यमंत्री नेः सीएम ने कहा कि मैं इतना जरूर कहूंगा कि हमारी इस लड़ाई की बदौलत अनगिनत मूलवासियों और आदिवासियों ने अपनी जमीन की रक्षा की है. अगर मेरा नाम लेकर कोई अपनी जमीन की रक्षा कर ले रहा है तो पूरा "झारखंड ले लो मेरे नाम पर". हमने लोगों ने हजारीबाग में हजारों एकड़ जमीन वापस कराया है. नेतरहाट फायरिंग रेंज की जमीन वापस कराई. एक ट्रिब्यूनल बनाया है, लोगों की शिकायत के अनुरूप भूमि वापसी का काम हो रहा है, अभी तो और कई जगहों पर यह काम करना है. सीएम ने पूर्ववर्ती रघुवर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले तो लैंड बैंक बनाकर जमीन का बंदरबांट किया गया था, अब मुझ पर आरोप लगा रहे हैं.
इसके अलावा सीएम ने कहा कि हम लोग विनम्रता के साथ ही अपनी बातों को रखने की कोशिश की है. कितने लोगों ने हमें प्रताड़ित किया लेकिन कभी किसी ने चू तक नहीं किया है. लेकिन जब पानी नाक से ऊपर चला जाता है तो वक्त बदल जाता है. अलग तरीके से खुद को तैयार करना पड़ जाता है.