झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

राज्य में संवैधानिक व्यवस्था ध्वस्त, बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल से की राष्ट्रपति शासन लगाने मांग - बाबूलाल मरांडी का सीपी राधाकृष्णन को पत्र

झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है. Babulal Marandi letter to Governor CP Radhakrishnan.

Demand for President rule in Jharkhand
Demand for President rule in Jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 10, 2023, 5:39 PM IST

रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को पत्र लिखकर राज्य में संवैधानिक व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा करने का आग्रह किया है. राज्यपाल को लिखे गए करीब दो पेज के पत्र में बाबूलाल मरांडी ने राज्य में संवैधानिक तंत्र असफल होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार की जांच कर रही एजेंसियों के अनुरोध के प्रति राज्य सरकार और उसके अधिकारी उदासीन है.

ये भी पढ़ें-राज्य में सरना धर्म कोड की मांग हुई तेज, सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां 2022 से मुख्य सचिव झारखंड सरकार के कार्यालय को पत्र लिख रही है इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही कोई उत्तर दिया गया है. इस विषय में एक मामले नहीं है बल्कि उच्च सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के ऐसे 10 से अधिक मामले लंबित हैं. सरकार की ओर से जांच एजेंसियों को ना तो कोई जवाब दिया जा रहा है और ना ही कोई कार्रवाई की जा रही है. बाबूलाल मरांडी ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया है कि इस संबंध में राज्य के मुख्य सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री को भी उनके द्वारा पत्र लिखा गया था लेकिन दोनों में से किसी का जवाब अब तक नहीं मिला है. ऐसे में यह प्रतीत होता है कि राज्य सरकार सक्रिय रूप से आरोपी व्यक्तियों को एक साजिश के तहत बचा रही है.

बाबूलाल मरांडी का पत्र
संविधान की मूल भावना का हुआ है हनन: बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि इस तरह के व्यवहार से राज्य सरकार के द्वारा संविधान की मूल भावना के विपरीत कार्य करने की वजह से संवैधानिक तंत्र टूट गया है और संविधान की मूल भावना का हनन हुआ है. ऐसे में कानून के प्रावधानों का खुलेआम उल्लंघन करने वाले हेर फेर या कानून के तहत दिए जाने वाले कार्यों को गुप्त रूप से दबाने या देरी करना प्रतीत होता है. बाबूलाल मरांडी ने इस स्थिति को देखते हुए राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से तत्काल आवश्यक और सुधारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details