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रांची: निजी अस्पतालों में संक्रमितों से अधिक फीस वसूली पर गरमाई सियासत, बीजेपी ने स्वास्थ्यमंत्री को ठहराया जिम्मेदार

राजधानी रांची के कई निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर प्रबंधन की ओर से मनमाने तरीके से फीस वसूली जा रही है. बीते दिनों इसके कई मामले सामने आ चके हैं, जिस पर प्रदेश की सियासत गर्म होने लगी है. इसके लिए बीजेपी ने स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है.

Administration fails to stop recovery of illegal fees taken by private hospitals of ranchi
रांची: निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने में नाकाम प्रशासन, विपक्ष ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

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Published : May 22, 2021, 12:51 PM IST

रांची: डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. इस कोरोना काल में डॉक्टर्स की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है. लेकिन राजधानी रांची में कुछ और ही तस्वीर सामने आ रही है. कई निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर सरकार की हिदायतों को दरकिनार कर प्रबंधन अधिक फीस वसूल रहा है. इसके कई मामले सामने आने पर प्रदेश की सियासत गर्मा रही है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है.

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बता दें कि निजी अस्पतालों में इन दिनों कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है. कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन को दी गई है, जिसके बाद कार्रवाई भी की गई है और मरीज के परिजनों को फीस की राशि वापस भी की गई है. कहीं ना कहीं जिला प्रशासन सरकार की ओर से निर्धारित शुल्क लेने को सुनिश्चित कराने में सफल नहीं हो पा रहे हैं.

मरीज के परिजन भी मजबूर हैं कि शिकायत करने पर कहीं बेहतर इलाज ना रुक जाए. इस वजह से भी निजी अस्पताल की शिकायत जिला प्रशासन से करने से लोग परहेज कर रहे हैं. बीजेपी ने इसके लिए वर्तमान सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है.

निजी अस्पतालों की मनमानी पर नकेल कसने में नाकाम प्रशासन

प्रदीप सिन्हा ने जताई नाराजगी

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि निजी अस्पतालों को सरकार का कोई खौफ नहीं है और न ही स्वास्थ्य मंत्री इस पर नकेल कसने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं. सरकार ने निजी अस्पतालों को खुली छूट दे दी है. यही वजह है कि सरकार की नाक के नीचे से आपदा को अवसर बनाकर निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस का मानना है कि निजी अस्पताल संचालकों की ओर से आर्थिक, मानसिक और शारीरिक दोहन किया जा रहा है. कोरोना काल में ज्यादा फीस वसूलना मानवता नहीं है. सरकार और पार्टी हमेशा से डॉक्टर की हौसला अफजाई करते आए हैं. बावजूद इस तरह की मनमानी कहीं से ठीक नहीं है.

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