रांची:बाबूलाल मरांडी को पार्टी की कमान मिलने के बाद से झारखंड भाजपा एग्रेसिव मोड में दिख रही है. इस धार को और तेज बनाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रांची आ रहे हैं. वह हरमू मैदान में 28 अक्टूबर को प्रस्तावित संकल्प यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसको लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है.
ये भी पढ़ें:सरायकेला में बीजेपी की संकल्प यात्राः बाबूलाल मरांडी ने सूबे के मुखिया पर बोला हमला, कहा- वसूली वाली सरकार से तंग है जनता
झारखंड प्रदेश स्तर के नेताओं का कहना है कि अभी तक उनके आगमन का शिड्यूल नहीं आया है. लेकिन दिल्ली में पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष रांची जाने की तैयारी कर रहे हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के बीच उनके रांची आगमन को बेहद खास माना जा रहा है. चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ना सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरेंगे बल्कि हेमंत सरकार पर भी निशाना साधेंगे. वर्तमान में झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों पर एनडीए का कब्जा है. पार्टी शेष दो सीटों पर कब्जा जमाने की तैयारी में जुटी है.
दरअसल, झारखंड भाजपा की कमान मिलने के बाद बाबूलाल मरांडी ने 17 अगस्त को संकल्प यात्रा शुरू की थी. उन्होंने आठ चरणों में अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर लोगों से सीधा संवाद कर हेमंत सरकार की नाकामियां गिनाई. इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने सोरेन परिवार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने खनिज की लूट, सत्ता समर्थित भ्रष्टाचार, लचर विधि व्यवस्था और तुष्टिकरण का हवाला देकर हेमंत सरकार पर हमले किए.
इधर, लैंड स्कैम मामले में ईडी द्वारा एक के बाद पांच समन जारी करने के बावजूद सीएम के ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने पर बाबूलाल मरांडी दो टूक कहते रहे हैं कि सीएम को आज नहीं तो कल जेल जाना ही होगा. हालांकि उनके आरोपों का जवाब झामुमो भी देता रहा है. इस बीच जेपी नड्डा के रांची आगमन से यह स्पष्ट हो गया है कि यह राज्य आलाकमान के टॉप प्रायोरिटी में है. जानकारी के मुताबिक संकल्प यात्रा के समापन के दौरान मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के तहत सभी प्रखंड और शहीदों के गांव से एकत्रित की गई मिट्टी को 318 कलश में भरकर अमृत वाटिका के निर्माण स्थल में डालने के लिए दिल्ली रवाना किया जाएगा.
खास बात है कि हाल के दिनों में प्रदेश भाजपा में काफी बदलाव देखने को मिली है. पांच साल गैर आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में राज्य चलाने वाले रघुवर दास को ओडिशा का गर्वनर बनाकर बाबूलाल मरांडी के लिए राजनीतिक का मैदान खोल दिया गया है. वहीं दलित समाज से आने वाले अमर कुमार बाउरी को प्रदेश भाजपा विधायक दल का नेता मनोनीत कर पार्टी ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है कि उसकी नजर आदिवासी और दलित वोट बैंक पर है.
जहां तक ओबीसी वोट बैंक की बात है कि पहले से ही बिरंची नारायण मुख्य सचेतक की भूमिका निभा रहे हैं. उनको सपोर्ट करने के लिए झामुमो से आए जेपी पटेल को सचेतक बनाकर पार्टी ने कुर्मी वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है. इस बीच जेपी नड्डा के आगमन से पार्टी के भीतरखाने चल रही राजनीति पर भी विराम लगने की संभावना है.