रांची: बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा झारखंड की जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए रविवार को केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि आदिवासी समाज अपनी विशिष्ट संस्कृति, रीति-रिवाज, वेष-भूषा और कर्मठता के लिए पहचाना जाता है, विकट से विकट परिस्थितियों में भी रहते हुए आदिवासी समाज ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अपनी भूमिका निभाई है, इस समाज के अंदर देशभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी है, लेकिन आज भी कुछ लोगों का मानना है कि जंगल के बीच मे रहने वाले जंगली है, पर जनजाति जंगली नहीं है.
आदिवासी समाज अधिक सभ्य
किरण रिजिजू ने कहा कि आदिवासी समाज किसी भी समाज से अधिक सभ्य और विशिष्ट है, आदिवासियों की भावना स्पष्ट है कि कोई उन्हें इज्जत और आदर देगा तो उनके लिए वह जान भी देने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन उनकी इज्जत, आबरू और आस्तित्व पर आघात पहुंचाने पर किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी ने किया झारखंड का गठन
वहीं, जनजाति मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी के बाद भी आदिवासी समाज के ऊपर अन्याय होता रहा, उनकी बातें कभी नही सुनी गई, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी ने ही आदिवासी की भावना को महसूस करते हुए अपने वादों के अनुसार तीन राज्यों का गठन किया, उसमें से एक आदिवासी बहुल झारखंड राज्य है, साथ ही जनजाति समाज के उत्थान के लिए जनजाति मंत्रालय का गठन किया, इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जंगल में सदियों से रहने वाले आदिवासियों को पहली बार वनाधिकार पट्टा कानून बनाकर आदिवासी समाज को अधिकार देने का काम किया. उन्होंने कहा कि जनजाति मामलों के मंत्रालय इसी बिंदु को केंद्र में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप कार्य कर रही है.