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HEC के अधिकारी, कर्मियों को वेतन जारी करें, ताकि हड़ताल खत्म हो- संजय सेठ

कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलने के कारण एचईसी में काम बंद है. कर्मचारी सैलरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है. बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कहा कि इस बाबत वो कोशिश में लगे हैं कि जल्द ही एचईसी के कर्मचारियों को सैलरी मिले. एचईसी में स्थाई सीएमडी की मांग पर उन्होंने कहा कि इसके लिए भी केंद्रीय मंत्री से संपर्क में हूं.

BJP MP Sanjay Seth
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Published : Dec 7, 2021, 6:26 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 6:58 PM IST

नई दिल्ली: झारखंड की राजधानी रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कहा कि एचईसी के कर्मचारियों को सैलरी मिलनी चाहिए. यह वहां के अधिकारी एवं डायरेक्टर्स की जिम्मेदारी है. 7 महीने से वेतन नहीं मिला है. 7000 तनख्वाह है. कर्मचारी परेशान हैं. दिक्कत में हैं इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से एचईसी में काम बंद है.

ये भी पढ़ें-एचईसी में काम ठप, कर्मचारियों के बाद अफसर भी आंदोलन में शामिल, महीनों से वेतन है लंबित


उन्होंने कहा कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय से में निरंतर संपर्क में हूं. कोशिश में हूं की वहां के कर्मचारियों की समस्या खत्म हो. HEC बंद नहीं होगा. स्थाई सीएमडी की नियुक्ति भी होनी चाहिए. इसकी कोशिश में भी लगा हुआ हूं. कर्मचारियों को सैलरी देने के मुद्दे पर भी मैं मंत्रालय से संपर्क में हूं.

सांसद संजय सेठ के साथ संवाददाता शशांक कुमार की बातचीत


एचईसी में स्थाई सीएमडी की मांग

बता दें हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) में 7 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण वहां के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. एचईसी में स्थाई सीएमडी की नियुक्ति की भी मांग कर रहे हैं. बता दें HEC को उत्पादन में करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. यही स्थिति बनी रही तो 1800 करोड़ रुपए का वर्क आर्डर पूरा करना मुश्किल होगा. इस हालात में कई कंपनियां अपना वर्क आर्डर वापस ले सकती हैं. HEC वित्तीय संकट से गुजर रही है. वर्क आर्डर के लिए पूंजी की दिक्कत के साथ-साथ कर्मचारियों के वेतन में परेशानी आ रही है. प्रबंधन की ओर से केंद्र को पत्र लिखकर 870 करोड़ रुपए की मदद की गुहार लगाई गई है. इतने बड़े संस्थान को लंबे समय से स्थाई सीएमडी भी नहीं मिला है. भेल के सीएमडी के पास इस संस्थान का अतिरिक्त प्रभार है.


बता दें कि भारी मशीनरी का निर्माण के क्षेत्र में एचईसी एशिया का सबसे बड़ा उपक्रम एक समय रहा है. इस्पात, खनन, रेलवे, बिजली, रक्षा, अंतरिक्ष, अनुसंधान, परमाणु क्षेत्र में देश के लिए पूंजीगत उपकरणों की आपूर्ति में बड़ा योगदान इसका रहा है. लेकिन मौजूदा वक्त में इसकी स्थिति खराब है.

Last Updated : Dec 7, 2021, 6:58 PM IST

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