रांचीः बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बीजेपी के 25 विधायकों राजभवन मार्च किया. झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 की खामियों को लेकर उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की. राज्यपाल से इस विधेयक को मंजूरी नहीं देने की अपील की.
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दरअसल भाजपा का मानना है कि इस विधेयक में ऐसी कई खामियां है जो एक इंसान के अधिकारों का हनन करेगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करते हुए बिना जांच के सीधी गिरफ्तारी और परीक्षा में कदाचार के बाद उठने वाले सवालों को लेकर परीक्षार्थियों पर एफआईआर दर्ज होना शामिल है. बाबूलाल मरांडी का कहना है कि विधेयक में कई ऐसी शर्तें हैं, जिस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए और कई शर्तों को विलोपित करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि सरकार संख्या बल के अहंकार में युवाओं, बेरोजगारों की आवाज बंद करना चाहती है. वहीं भाजपा के विधायकों का मानना है कि सरकार आगे आने वाली नियुक्तियां की बंदरबांट करना चाहती है, लिहाजा कोई भी उसके खिलाफ आवाज ना उठा पाए. इस वजह से यह कानून बनाने की कोशिश हो रही है. हमने राज्यपाल से मिलकर इस विधेयक को पास ना करने की गुजारिश की है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस तरह के विधेयक से कदाचार मुक्त नहीं बल्कि नियुक्तियों में धांधली होगी. उन्होंने राजभवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिक्षक की जो बहाली निकाली गई है, उसमें भी धांधली की गुंजाइश इस नियमावली के पास होने के बाद बढ़ जाएगी. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि जिस तरह से नियमावली छात्रों के लिए लाई गई है, वह कहीं से भी जायज नहीं है. वह छात्रों के करियर में दाग लगाने का काम करेगी.