रांची:अल्पसंख्यक कल्याण, समाज कल्याण, महिला और बाल विकास विभाग पर जोरदार हमला करते हुए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक कोचे मुंडा और मनीष जायसवाल ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय में प्रेस को संबोधित किया. जहां उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार हनीमून पीरियड पर है. राज्य की जनता की फिक्र नहीं, सरकार गहरी नींद में सोई हुई है. दिशाहीन दृष्टिहीन और मुठभेड़ की राजनीति में मशगूल सरकार की विफलताओं और कृतियों की गाथाएं लिखी जा रही है. हर विभाग में भ्रष्टाचार की नई-नई कथाएं लिखी जा रही है. कोरोना काल में कल्याण विभाग को सबसे ज्यादा सजग रहने की जरूरत थी, लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण कल्याण विभाग के मार्फत कोई कार्य नहीं हुआ.
भाजपा विधायक कोचे मुंडा और मनीष जायसवाल ने साधा निशाना, सरकार को कुर्सी पर रहने का अधिकार नहीं - भाजपा विधायक मनीष जयसवाल का सरकार पर तंज
रांची में भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक कोचे मुंडा और मनीष जायसवाल ने भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. जहां उन्होंने हेमंत सरकार पर जमकर प्रहार किया. वहीं कोचे मुंडा ने कहा कि निकम्मी सरकार को कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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वहीं उन्होंने दलित समाज, अल्पसंख्यक समाज पर बोलते हुए कहा कि इस सरकार ने अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़ों को ठगने का काम किया है. उन्होंने कहा हेमंत सरकार अल्पसंख्यकों को वोट बैंक बना कर ठगा है. मुसलमानों को डर दिखाकर उनका वोट हासिल किया है. सरकार गठन के 1 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद अभी तक अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड और उर्दू अकादमी का गठन नहीं हुआ. अल्पसंख्यक छात्रावास में मूलभूत सुविधा प्रदान करने में सरकार फिसड्डी साबित हुई है. राज्य में बौद्ध सर्किट को विकसित और उन्नत बनाया जाने का वादा भी खोखला निकला. इस सरकार में दलितों की स्थिति में बद से बदतर होती जा रही है. दलित भूखे सोने को मजबूर हैं. इस सरकार में अब तक सबसे ज्यादा दलितों की भूख से मौत हुई है.
सरकार को बोला निकम्मी सरकार
वहीं विधायक कोचे मुंडा ने कहा कि इस सरकार में धरातल पर 1 इंच भी काम नहीं हुआ है. पूर्ववर्ती रघुवर सरकार में अल्पसंख्यक, आदिवासी, दलित और पिछड़ों के विकास के लिए जिन योजनाओं को शुरू किया गया था. उसे कांग्रेस और झामुमो की सरकार ने बंद कर दिया. इससे पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज में खासा आक्रोश है. सरकार निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है. ऐसी निकम्मी सरकार को कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.