रांची: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब विधायकों के 'एड्रेस' परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है. इस बाबत राज्य सरकार ने विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का पता बदलने को लेकर कवायद शुरू कर दी है. हालांकि यह कवायद पहले ही शुरू की गई थी, जिसके तहत बीजेपी विधायकों को अपना मौजूदा सरकारी आवास खाली करने को कहा गया. सरकार के आदेश को देखते हुए बीजेपी के लगभग एक दर्जन से अधिक विधायक सामने आए. इनमें से ज्यादातर वैसे विधायक हैं जो कथित तौर पर अपनी 'राजनीतिक हैसियत' से बड़े सरकारी बंगले में रह रहे थे. हालांकि इसको लेकर बीजेपी विधायकों में खासी नाराजगी है.
बीजेपी के बोकारो से विधायक विरंची नारायण में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि रांची के अनुमंडल अधिकारी की ओर से जारी की गई नोटिस की भाषा स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह साबित करना चाहते हैं कि बीजेपी विधायक सरकारी आवास पर कब्जा करने को आतुर है. बोकारो विधायक ने कहा कि पहले उन्हें आवंटित आवास ठीक करा कर दिया जाए उसके बाद वह उसमें शिफ्ट कर जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस भाषा का प्रयोग उनके लिए किया गया है वह आपत्तिजनक है. उन्होंने कहा कि रांची के एसडीओ लेवल के अधिकारी ने नोटिस भेजकर कहा है कि 72 घंटे में अगर आवास खाली नहीं हुआ तो बलपूर्वक खाली कराया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारी को यह भी जानकारी नहीं है कि वह वर्तमान में विधायक हैं जबकि पूर्व विधायक कहकर नोटिस भेजी गई है. उन्होंने कहा कि इस बाबत वह झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं.