रांची: मानसून सत्र के अंतिम दिन बीजेपी के विधायक अमर कुमार बाउरी रोते हुए सदन से बाहर निकले. उन्होंने मीडिया को सदन के भीतर हुई घटना की जानकारी दी. वो सदन की कार्यवाही के दौरान कार्यस्थगन प्रस्ताव ठुकराए जाने से आहत थे. अमर बाउरी ने स्पीकर रबींद्र नाथ महतो पर आरोपों की झड़ी लगा दी. उन्होंने कहा कि एक दलित विधायक के साथ स्पीकर का ऐसा बर्ताव कहीं से भी उचित नहीं है.
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दलित विधायक होने के कारण की गई उपेक्षा- अमर बाउरी
सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव ठुकराए जाने से आहत अमर बाउरी स्पीकर पर आरोप लगाते हुए रोते रहे. उन्होंने कहा कि शायद दलित होने के कारण उनकी उपेक्षा की गई. अमर बाउरी ने कहा कि 'मैं भी पूर्व मंत्री और कई बार विधायक रहा हूं. मेरी भी मर्यादा है मगर विधानसभाध्यक्ष ने जिस तरह से मेरे साथ सलूक किया है, उससे मैं बहुत आहत हुआ हूं.' उन्होंने स्पीकर पर कानून की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए इसे काला अध्याय बताया.
अमर बाउरी ने कहा कि मैं सुबह से कह रहा हूं कि मेरा कार्यस्थगन पढ़ा जाय लेकिन स्पीकर नजरअंदाज करते रहे. स्पीकर के लिए सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक समान होता है. मगर नियमों का उल्लंघन स्पीकर करते रहे और जब हमने भोजनवकाश के बाद फिर स्पीकर से कहा तो मुझसे बुरा बर्ताव करते हुए कार्यस्थगन पढ़ने से रोक दिया. दरअसल अमर बाउरी सदन में कल हुए लाठीचार्ज पर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाना चाह रहे थे. सदन में जैसे ही इसे पढ़ने के लिए उठे तो उन्हें रोक दिया गया. जिसके बाद सदन से बीजेपी विधायक उठकर बाहर निकल गए.