रांचीः साहिबगंज सहित पूरे राज्य में पुलिसिया अत्याचार बढ़ गया है. 24 फरवरी को साहिबगंज में पुलिस कस्टडी के दौरान देबू तोरी की मौत नहीं हुई है, बल्कि हत्या की गई है. यह पुलिस कस्टडी में हत्या का मामला है. उक्त बातें बुधवार को बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संवाददाता सम्मेलन में कहीं.
साहिबगंज में हिरासत में हुई मौत का मामला गरमाया, बाबूलाल मरांडी ने कहा- थाने के सभी पुलिसकर्मियों की हो बर्खास्तगी
बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने साहिबगंज थाने (Sahibganj Police Station) के सभी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पुलिस कस्टडी में देबू तोरी की मौत नहीं हुई है, बल्कि हत्या की गई है.
बाबूलाल मरांडी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि थाने के सभी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी होनी चाहिए. इसके साथ ही मृतक के परिजन को 50 लाख का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी सरकार मुहैया कराए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निर्वाचन क्षेत्र वाला जिला है साहिबगंज, जहां विधि व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होना चाहिए. लेकिन साहिबजंग में एक के बाद एक लगातार कई घटनाएं हुई हैं.
पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता अजय मारू ने कहा कि केंद्र सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों की सहायता के लिए दिन रात जुटी है. 18 हजार भारतीय यूक्रेन में हैं, जिनकी वापसी को लेकर ऑपरेशन गंगा चलाया जा रहा है और इस मिशन के तहत सरकार निशुल्क यूक्रेन में फंसे लोगों को ला रही है. लेकिन झारखंड सरकार से मदद कैसे मिले, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.
अजय मारू ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से निर्देश मिला है कि यूक्रेन से लौटे छात्र-छात्राओं से मुलाकात करें. इसी निर्देश का पालन करते हुए बुधवार को राज्यसभा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने यूक्रेन से लौटी मेडिकल स्टूडेंट्स श्रद्धा से मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि झारखंड के 162 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं. इसमें 87 लड़के और 75 लड़कियां है. इसमें सबसे अधिक 30 छात्र छात्राएं रांची के हैं.