रांची: राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधानसभाध्यक्ष पर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है. दरअसल, शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भोजनावकाश के बाद जब सदन में सरकार द्वारा लाई गई स्थानीय नीति विधेयक पर चर्चा हो रही थी उस चर्चा में बाबूलाल मरांडी सदन में कुछ बोलना चाह रहे थे.
तीन बार सदन के अंदर उन्होंने हाथ उठाकर स्पीकर से समय की मांग की मगर इसे नजरअंदाज कर दिया गया. जिससे नाराज होकर बाबूलाल मरांडी सदन से बाहर निकल गए. विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन में हमें बोलने नहीं दिया गया, इससे मैं काफी दुखी हूं. यह तौर तरीका कहीं ना कहीं मुझे अपमानित करने की कोशिश है, जो सत्ता पक्ष के इशारे पर हुआ है. यह पहला मौका नहीं है जो इस तरह का वर्ताव स्पीकर के द्वारा किया गया है.
हेमंत सोरेन ने जो एक बार फिर स्थानीय नीति लाया है उसमें कई विसंगतियां होने की वजह से राज्यपाल ने वापस लौटाया था. एक बार फिर इसे लटकाने और भटकाने की कोशिश की गई है, जिसे राज्य की जनता जान रही है. हेमंत सोरेन को राज्य के युवाओं को नौकरी देनी नहीं है, यही वजह है कि इस तरह की नीति लाकर राज्य की जनता को ठगने का काम किया है.