रांची: बाबा नगरी देवघर में भाजपा कार्यसमिति की बैठक 16 और 17 जनवरी को होगी (BJP Jharkhand state working committee meeting). करीब 16 सालों के बाद देवघर में आयोजित हो रहे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है. दो दिनों तक देवघर के मेहर गार्डेन में होनेवाले इस बैठक में राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव के साथ-साथ प्रदेश भाजपा राज्य सरकार के खिलाफ रणनीति बनाएगी. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने बताया कि दो दिनों के इस बैठक में पार्टी के केंद्रीय नेता से लेकर प्रदेश कार्यसमिति के पदाधिकारी शामिल होंगे.
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16 सालों के बाद देवघर में भाजपा कार्यसमिति की बैठक: भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 2006 में बाबा नगरी देवघर में हुआ था, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी शिरकत करने देवघर आए थे. देवघर में यह दूसरी कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी, संगठन महामंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. देवघर में पार्टी कार्यसमिति की बैठक बुलाए जाने के पीछे मिशन 2024 भी माना जा रहा है. संथाल की सभी सीटों को साधने के लिए भाजपा नये शिरे से मंथन करेगी. भाजपा प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी के अलावा संगठन महामंत्री कर्मवीर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी संबोधित कर पार्टी की दशा और दिशा तय करेंगे.
16 सालों बाद देवघर में भाजपा कार्यसमिति की बैठक, जानें क्यों होगा अहम
झारखंड भाजपा कार्यसमिति की अगली बैठक देवघर में होगी (BJP Jharkhand state working committee meeting). यह बैठक 16 और 17 जनवरी को होगी, जिसे लेकर तैयारियां शुरू हो गयी है. इस बैठक में पार्टी अगले तीन महीने की कार्य योजना बनायेगी. करीब 16 सालों बाद देवघर में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने के पीछे बड़ा कारण माना जा रहा है.
बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा: प्रभारी बनने के बाद झारखंड दौरे पर आए लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सबसे पहले देवघर से ही अपनी यात्रा शुरू की थी. उन्होंने उस दौरान झारखंड की लोकसभा की सभी 14 सीट 2024 में जीतने का संकल्प लेते हुए कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने का काम किया था. गौरतलब है कि कोरोना के बाद पहली बार भाजपा ने रांची से बाहर हजारीबाग में 27-28 मई को कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी. जानकारी के मुताबिक कार्यसमिति की बैठक में पार्टी हेमंत सरकार को घेरने के लिए पिछले दिनों बनाई गई रणनीति की समीक्षा करेगी. इसके अलावा आगे की कार्य योजना भी बनाई जाएगी. बैठक में पार्टी द्वारा चलाए जा रहे संगठनात्मक कार्य और आंदोलन की भी चर्चा होने की संभावना है. नगर निकाय चुनाव, राज्य सरकार द्वारा खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाए जाने के फैसले और नियोजन नीति रद्द होने के मुद्दे पर भी पार्टी बैठक के जरिए रुख स्पष्ट करेगी.