रांची: राजधानी के रातू इलाके में आयोजित हुई इफ्तार पार्टी मामले में विपक्षी दल बीजेपी ने जांच की मांग की है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होता, लेकिन झारखंड में ट्विटर सरकार इसे नहीं मान रही है.
रांची: रातू में हुए इफ्तार पार्टी को लेकर बीजेपी ने की कार्रवाई की मांग, झामुमो ने कहा- प्रशासन कर रहा अपना काम - बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना
रांची के रातू में आयोजित हुई इफ्तार पार्टी को लेकर अब झारखंड सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. इस मामले पर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधते हुए इस मामले में सरकार से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि हैरत की बात यह है कि रातू इलाके में एक तरफ इफ्तार पार्टी का आयोजन होता है वह भी ब्लॉक ऑफिस में, जब इसके खिलाफ मामला दर्ज होता है तो पार्टी में शामिल बीडीओ और अन्य अधिकारियों को उससे अलग रख दिया जाता है, सबसे बड़ी बात यह है कि तर्क यह दिया जाता है कि अधिकारी इफ्तार पार्टी के भोजन की क्वालिटी की जांच करने गए थे.
कड़ा एक्शन हो नियम तोड़नेवाले के खिलाफ
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि एक अन्य इफ्तार पार्टी की जांच करने गई पुलिस के ऊपर पथराव होता है और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं होती. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही लॉकडाउन में नियम कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त धाराएं लगाई जानी चाहिए.
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झामुमो का दावा प्रशासन कर रहा है अपना काम
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि प्रशासन अपनी तरफ से मामले को डील कर रहा है, प्रशासन के संज्ञान में दोनों बातें हैं, सरकार इसमें किसी तरह का समझौता नहीं करेगी कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो. दरअसल रातू के एक इलाके में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें कथित तौर पर उस इलाके के सरकारी पदाधिकारी भी शामिल हुए. वहीं दूसरी इफ्तार पार्टी की जांच करने की जब पुलिस गई तब उनके ऊपर पथराव किया गया, वह भी तब जब इस तरह के आयोजन पर पूरी तरह से पाबंदी है.