रांची:राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत देश के पांच राज्यों के चुनाव नतीजों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का संकेत मिलने लगा है. हालांकि विधानसभा चुनावों में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं, जिसके कारण लोकसभा चुनावों के संबंध में कोई आकलन करना जल्दबाजी होगी, लेकिन देश के प्रमुख राज्यों के जनादेश ने निश्चित रूप से भाजपा के लिए एक सुखद उपहार के रूप में काम किया है. इससे झारखंड समेत देश भर के लोगों में बीजेपी कार्यकर्ता-नेताओं का उत्साह है. बीजेपी नेता इसे सेमीफाइनल मान रहे हैं और कहते हैं कि अगर हम सेमीफाइनल जीते हैं तो फाइनल यानी लोकसभा चुनाव भी जीतेंगे.
झारखंड में लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है असर: झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस अपनी सत्ता नहीं बचा सकी. जाहिर तौर पर इसका असर कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में भी दिखेगा. झारखंड बीजेपी का हौसला बुलंद है और अभी से सभी 14 सीटें जीतकर केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनाने के दावे किये जा रहे हैं. झारखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक कहते हैं कि विपक्ष सीटों के बंटवारे में उलझकर रह जाएगा. हम 14 सीटें जीतकर इतिहास रचेंगे. 2019 में एनडीए ने 14 में से 12 सीटें जीतकर यह साबित कर दिया है.
झामुमो ने बीजेपी के दावे को किया खारिज:इधर, भारतीय जनता पार्टी के दावे को खारिज करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि तीन राज्यों में जीत के बाद बीजेपी घमंड में आ गई है. भाजपा को इतराने की बजाय पिछले चुनाव नतीजों को भी याद करना चाहिए. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों में बीजेपी का कोई नाम लेने वाला नहीं है. तीन राज्यों में चुनाव जीतने से एक ही चुनाव परिणाम बार-बार नहीं दोहराया जाएगा. झारखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन 14 की 14 सीटें जीतेगा. उन्हें एक सीट पाने के लिए भी तरसना पड़ेगा.