रांची:बिहार कैडर के तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी और वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर फेम अमित लोढ़ा पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बिहार पुलिस ने रांची पुलिस से मदद मांगी है. अमित लोढ़ा रांची में साल 2000 में बतौर एएसपी पोस्टेड थे.
क्या है पूरा मामला:बिहार के माफिया राज पर बनी वेब सीरीज खाकी द बिहार चैप्टर से चर्चा में आये आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा पर चल रहे भ्रष्टाचार के केस में बिहार पुलिस ने रांची पुलिस की मदद मांगी है. आपको बताते चले की 1998 बैच के आईपीएस अमित लोढ़ा ने अपने करियर की शुरूआत रांची से ही की थी. वह रांची बतौर एएसपी पोस्टेड रहे थे. वहीं दूसरी तरफ बिहार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) अमित लोढ़ा के खिलाफ पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार से जुड़े मामले की जांच कर रही है. ऐसे में बिहार पुलिस के स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने रांची में तैनाती के दौरान अमित लोढ़ा के बारे में जानकारी मांगी है.
खाकी द बिहार चैप्टर फेम अमित लोढ़ा पर कस रहा कानून का शिकंजा, रांची पुलिस से बिहार पुलिस ने मांगी जानकारी - Jharkhand news
खाकी द बिहार चैप्टर फेम अमित लोढ़ा के बारे में रांची पुलिस से बिहार पुलिस ने मांगी जानकारी. अमित लोड़ा रांची में साल 2000 में पोस्टेड थे इसलिए उनसे संबंधित कई तरह की जानकारी मांगी गई है.
रांची पुलिस से क्या जानकारी मांगी:आईपीएस अमित लोढ़ा पर सात दिसंबर 2022 को पटना एसवीयू में केस नंबर 17/22 दर्ज किया गया था. उनके खिलाफ पीसी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में बिहार पुलिस के स्पेशल विजिलेंस यूनिट के डीएसपी चंद्रभूषण ने रांची एसएसपी को पत्र भेजा है. पत्र में डीएसपी ने लिखा है कि अमित लोढ़ा जब रांची में बतौर एएसपी तैनात थे, उस दौरान उनके विषय में पूरी जानकारी चाहिए. मसलन अमित लोढ़ा को रांची में तैनाती के वक्त कितनी सैलरी मिलती थी, इस दौरान सैलरी डिडक्शन कितना था, उन पर लोन था या नहीं, अगर लोन की जानकारी उन्होंने दी थी तो इसका विवरण, कोई एडवांस उन्होंने ली हो तो उसका विवरण मांगा गया है. केस के अनुसंधानकर्ता ने लिखा है कि रांची में बतौर एएसपी रहते हुए अमित लोढ़ा के विषय में यह जानकारियां अनुसंधान के लिए अनिवार्य है. पत्र में यह लिखा गया है कि जितनी जल्दी हो सके, अमित लोढ़ा के विषय में मांगी गई जानकारी मुहैया कराएं.
क्या है अमित लोढ़ा पर आरोप:अमित लोढ़ा पर आरोप है कि सरकारी सेवक के पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार एवं निजी स्वार्थ लाभ में वित्तीय अनियमितता की और नेटफ्लिक्स और फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ सरकारी सेवक होते हुए भी व्यावसायिक कार्य किया. खाकी द बिहार चैप्टर रिलिज होने के बाद बिहार पुलिस ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी, एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वह निलंबित हैं.