रांचीःझारखंड में साइबर अपराधी हर दिन किसी ना किसी व्यक्ति को अपना शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराधियों के लिए किसी भी व्यक्ति को शिकार बनाने के लिए उसका फोन नंबर जानना बेहद जरूरी होता है. या कहें तो मोबाइल उनका पिस्टल है और मोबाइल का सिम कार्ड उनकी गोलियां. इन्हीं हथियार के बल पर साइबर अपराधी आम लोगों के खातों से उनकी गाढ़ी कमाई उड़ा रहे हैं. साइबर अपराधियों के इस काम में कई बड़ी कंपनियां जाने-अनजाने में सहयोग कर रही हैं.
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छोटेलाल पकड़ाया तो हुआ खुलासाःझारखंड पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने हाल में ही कुख्यात साइबर अपराधी छोटेलाल मंडल को गिरफ्तार किया है. छोटे लाल मंडल ने अपने इकबालिया बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा पूछताछ में छोटेलाल ने यह खुलासा किया है कि वह जस्ट डायल जैसी कंपनियों से आम लोगों का डाटा खरीदते हैं. इसके लिए बकायदा कंपनी को ऑनलाइन पेमेंट भी करते हैं.
छोटेलाल ने अकेले ही खरीदा है तीन लाख का डेटाःझारखंड में वैसे तो सैकड़ों साइबर अपराधी सक्रिय हैं उनमें से मात्र एक यानी छोटेलाल ने ही सिर्फ जस्ट डायल से ही तीन लाख का डेटा हासिल किया है. पूछताछ में छोटे लाल ने बताया है कि एक लाख लोगों का डेटा खरीदने के लिए उन्हें मात्र 35 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं. छोटेलाल के अनुसार वे और उसके दूसरे साथी वैसे लोगों का डेटा हासिल करते हैं जो सैलरी पर काम करते हैं. उनमें प्राइवेट से लेकर सरकारी दोनों ही कर्मचारी शामिल होते हैं. एक बार डाटा हासिल करने के बाद वे उन नंबरों पर फोन कर अपनी किस्मत को आजमाते हैं, उनके झांसे में जो आ जाता है उसके अकाउंट से पैसे गायब कर दिए जाते हैं.
एक दर्जन से ज्यादा गिरोह सक्रियः जिस तरह से हथियार के बल पर खौफ पैदा कर झारखंड के कई संगठित आपराधिक गिरोह अकूत संपत्ति जमा कर रहे हैं, वैसे ही मात्र एक मोबाइल और सिम कार्ड के जरिए झारखंड के साइबर अपराधी लोगों के खातों से पैसे उड़ा रहे हैं. यहां यह समझा जा सकता है कि साइबर क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े एक मात्र साइबर अपराधी ने जब तीन लाख डेटा खरीदा है तो फिर जो एक दर्जन से ज्यादा साइबर गिरोह सक्रिय हैं उन्होंने कितना डेटा खरीदा होगा. यह खुलासा हैरान और परेशान करने वाला है. यह सभी जानते हैं कि झारखंड का जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह और देवघर साइबर अपराधियों का गढ़ है. इन शहरों से दर्जनों साइबर गिरोह का संचालन किया जा रहा है.
बैंकों के नकली एप बनवा करता था ठगीःदरअसल, सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि राज्य में बड़े पैमानें पर एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एसबीआई समेत अन्य बैंकों के नकली एप के जरिए ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं. मामले को लेकर पहली बार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से भी प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह का भंडाफोड़ किया था. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में देवघर के खागा निवासी राजेश कुमार मंडल, राहुल कुमार मंडल और धनबाद टुंडी निवासी छोटेलाल मंडल को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान छोटे लाल मंडल ने जस्ट डायल को लेकर यह खुलासा किया था.
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