रांची: 1 नवंबर यानी मंगलवार से एक बार फिर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम (Sarkar Aapke Dwar Program) की शुरुआत हो रही है जिसको लेकर सभी जिला उपायुक्तों को विशेष निर्देश दिये गए हैं. मुख्य सचिव कार्यालय से जारी निर्देश के तहत सभी जिलों में पूर्व से ही स्थान चिंहित कर कैंप लगाने को कहा गया है. इन कैंपों की जानकारी आम लोगों को मिले इसके लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है जिससे लोग अपनी समस्या से अवगत करा सकें. इसके अलावे इन कैंपो में अधिकारियों की मौजूदगी सुनिश्चित कर आने वाले आवेदन को निष्पादित करने को कहा गया है.
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गौरतलब है कि स्थानीय स्तर पर आम लोगों की समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार इन दिनों आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चला रही है. दूसरे चरण में यह अभियान 12 से 22 अक्टूबर तक चला है उसके बाद एक बार फिर 1 नवंबर से यह कार्यक्रम 14 नवंबर तक पूरे राज्य भर में चलाने की तैयारी है. इसके माध्यम से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, म्यूटेशन सहित लोगों के अन्य स्थानीय समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा जगह जगह कैंप लगाए जा रहे हैं.
दूसरे चरण के आवेदनों में 9,99,999 लंबित:राज्य सरकार द्वारा दूसरे चरण के पहले पखवाड़ा में 2,669 कैंप लगाए गए. 12 से 22 अक्टूबर तक राज्य भर में लगाये गए इन कैंपों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 19,56,918 आवेदन आये. इन आवेदनों में 9,36,978 को निष्पादित कर दिए गए जबकि 19,941 आवेदनों को सही नहीं पाने की वजह से रद्द कर दिया गया. हालांकि 9,99,999 आवेदन अभी भी लंबित हैं. लंबित आवेदनों में सबसे ज्यादा संख्या पूर्वी सिंहभूम का है जहां 91,256 आवेदन लंबित हैं. दूसरे चरण में अब तक सबसे ज्यादा सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना अंतर्गत आवेदन आए हैं जिसकी संख्या 2,10,387 हैं. वहीं नया किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 27,200, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना 13,304, मुख्यमंत्री पशुधन योजना 50,642, मनरेगा नया कार्य आवंटन 49,504, नया ग्रीन कार्ड रजिस्ट्रेशन 7675, नया ग्रीन कार्ड डिसटीब्यूशन 4796, सर्वजन पेंशन योजना 21068 और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत जनोपयोगी योजनाओं की स्वीकृति के तहत 13722 आवेदन आए हैं.
लंबित आवेदन पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का मानना है कि इन सभी आवेदनों पर संबंधित अधिकारी निर्णय लेंगे, जिससे इसका लाभ लोगों को मिल सके. राज्य सरकार का मानना है कि छोटी मोटी समस्या को लेकर बेवजह लोग प्रखंड और जिला कार्यालय का चक्कर नहीं लगावें. उनकी परेशानी को अधिकारी उन्हीं के गांव और पंचायत में जाकर निदान करेंगे. सरकार की यह पहल प्रथम चरण में भी सफल हुई थी अब दूसरे चरण में भी इसका लाभ लोगों को मिलेगा.