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झारखंड के जलप्रपातों की खूबसूरती और व्यंजनों की महक देश के कोने-कोने तक पहुंचेगी, पढ़ें रिपोर्ट

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Published : Jul 2, 2021, 8:23 PM IST

झारखंड के जलप्रपातों की खूबसूरती और व्यंजनों की महक को देश के कोने-कोने पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. झारखंड के डाक विभाग की ओर से इसके लिए पहल की गई है. विभाग ने जलप्रपातों और व्यंजनों के ऊपर छह-छह मैक्सिम कार्ड की एक श्रृंखला तैयार की है.

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डाक विभाग के अधिकारियों के साथ राज्यपाल

रांची: झारखंड को प्रकृति ने असीम खूबसूरती से नवाजा है. घने जंगलों और पहाड़ों के बीच मन को मोहने वाले जलप्रपात सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं. लेकिन इतना होने के बाद भी पर्यटन के क्षेत्र में झारखंड को जूझना पड़ रहा है. लेकिन अब झारखंड की खूबसूरती को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए डाक विभाग में एक अनूठा पहल किया है.

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झारखंड डाक विभाग की पहल

डाक विभाग झारखंड की पहल पर राज्य के अलग-अलग जलप्रपातों और व्यंजनों के ऊपर छह-छह मैक्सिम कार्ड (विशेष पोस्ट-कार्ड) की एक श्रृंखला तैयार की गई है. इसका उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में किया. पोस्टकार्ड पर झारखंड के स्थानीय व्यंजनों में धुस्का, अमड़ा चटनी, फुटकल साग, छिलका रोटी, पुटका-लेटो, बांस करील अचार और जल-प्रपातों में सुगा बांध, मिरचैया, लावापानी, कांति-पेरवाघाघ की तस्वीर लगी है.

डाक विभाग के अधिकारियों के साथ राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

डाक टिकट के माध्यम से प्रचार-प्रसार

दरअसल, डाक विभाग समय-समय पर पर्व, रीति-रिवाजों, विविध लोक-कला संस्कृति, क्रांतिकारियों के ऊपर डाक-टिकट, विशेष डाक आवरण, प्रथम दिवस आवरण आदि का विमोचन करके इनकी महत्ता को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पटल पर लाने का प्रयास करता रहा है. इसी की एक कड़ी के रूप में झारखंड के कुछ जलप्रपातों और व्यंजनों को पहचान दिलाने की कोशिश की गई है.

राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में झारखंड के डाक महाधीक्षक शशि शालिनी कुजूर, डाक निदेशक सत्यकाम, और रांची के वरीय डाक अधीक्षक केएन तिवारी भी उपस्थित थे.

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