रांचीःबिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के एक दल को शुक्रवार को चान्हो प्रखंड में लगवाई गई मक्का की फसल का भ्रमण का किया. यहां किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की मक्का संबंधी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की जनजातीय उप योजना (टीएसपी) के तहत मक्का की नई किस्मों और उन्नत तकनीकों की जानकारी दी. इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने अच्छी आमदनी के लिए किसानों ने बागवानी के साथ पशुपालन, मुर्गी, मधुमक्खी और मत्स्य पालन आदि की जानकारी दी और इन्हें अपनाने की सलाह दी.किसानों को फसल संरक्षण-संवर्धन और अधिक उपज प्राप्त करने के तरीके भी बताए.
चार गांवों में कराई जा रही नई तकनीक से खेती
टीएसपी योजना के तहत बीएयू मुख्यालय से लगभग 75 किलोमीटर दूर चान्हो प्रखंड के चार गांवों कंजगी, बेयासी, चुटीयो और कुल्लू में इस वर्ष 60 जनजातीय किसानों को विश्वविद्यालय की ओर से मक्का का उन्नत बीज, खाद और फसल संरक्षण के लिए कीटनाशक उपलब्ध कराया गया है. मक्का की इस खेती के लाभ दूसरे किसानों को बताने के लिए एक दल को भ्रमण कराया गया. इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि झारखंड की परिस्थितियों में सुवान कम्पोजिट-2 (बिरसा मक्का-3 के नाम से प्रस्तावित) तथा हाइब्रिड बीएयू एमएच-5 प्रभेदों के बीज दिए गए थे. इनकी उपज क्षमता 55 से 65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है और परिपक्वता अवधि 90 से 105 दिन है. वैज्ञानिकों ने बताया कि बीएयू द्वारा इन गांवों में पिछले तीन वर्षों से टीएसपी परियोजना चलाई जा रही है.
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प्रत्येक हेक्टेयर में 75 हजार का लाभ