रांची:दो फरवरी को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का सातवां दीक्षांत समारोह मनाया जाएगा. जिसमें 1139 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी जाएगी. राज्यपाल और चांसलर रमेश बैस बीएयू के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अथिति शिरकत करेंगे. गुरुवार को कुल 1139 छात्र-छात्राओं ग्रेजुएशन, मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री प्रदान की जाएगी. कृषि, बागवानी, मात्स्यिकी, दुग्ध प्रौद्योगिकी और कृषि अभियंत्रण महाविद्यालयों के छात्र दीक्षांत समारोह में पहली बार भाग लेंगे. दीक्षांत समारोह में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक का भी व्याख्यान होगा.
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दीक्षांत समारोह में 24 छात्र-छात्राओं को मिलेगा गोल्ड मेडल: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुल 24 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा. इन 24 गोल्ड मेडलिस्ट में से तीन विद्यार्थियों को अपने सत्र में किसी भी पाठ्यक्रम में सर्वोच्च ओवरआल ग्रेड प्वाइंट एवरेज (ओजीपीए) हासिल करने के लिए चांसलर्स यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा.
चांसलर्स यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडल पाने वाले छात्रों के नाम:वर्ष 2019 के लिए स्वप्निल (8.976ओजीपीए), आनुवंशिकी और पौधा प्रजनन विभाग रांची कृषि महाविद्यालय, वर्ष 2020 के लिए एम देवेंदर (8.928 ओजीपीए), कीट विज्ञान विभाग रांची कृषि महाविद्यालय और वर्ष 2021 के लिए काजल कुमारी (9.056 ओजीपीए), बीएफएससी मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय गुमला. गुरुवार को बीएयू दीक्षांत समारोह में 26 छात्र-छात्रों को पीएचडी डिग्री और विभिन्न विषयों और संकायों में 226 को मास्टर्स डिग्री प्रदान की जाएगी. वहीं 887 स्नातक पूरा करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ग्रेजुएशन सेरमनी का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें स्नातक डिग्री प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 887 है.
तीन से पांच फरवरी तक एग्रोटेक किसान मेला का आयोजनः बुधवार को बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार प्रगति कर रहा है. कुलपति ने बताया कि कृषक समुदाय को कृषि, पशुपालन, वानिकी, जैव प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्यपालन, डेयरी प्रौद्योगिकी, कृषि यंत्रीकरण आदि की नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने के उद्देश्य से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा तीन से पांच फरवरी तक एक एग्रोटेक किसान मेला का आयोजन विश्वविद्यालय के कांके स्थित मुख्य प्रांगण में किया जा रहा है. मेला में राज्य के किसान, विकास पदाधिकारी, खाद, बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि यंत्र आदि के निर्माता-बिक्रेता, बैंक, वित्तीय संस्थान, स्वयंसेवी संस्थाएं और आइसीएआर के शोध संस्थान भाग लेंगे. विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों के अलावा प्रतिभागी संस्थाएं कुल 143 स्टालों पर अपनी प्रौद्योगिकी, सेवाओं और उत्पादों को प्रदर्शित करेंगी.
कृषि आधुनिकीकरण द्वारा आय में वृद्धि है मेला का थीमः मेला का थीम 'कृषि आधुनिकीकरण द्वारा आय में वृद्धि' रखा गया है: बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि तीन फरवरी को उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम होंगे. जबकि पांच फरवरी को समापन समारोह के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो होंगे. वहीं मेला परिसर में विश्वविद्यालय के 14 थीमेटिक पंडाल, सरकारी संस्थाओं के 27 पंडाल और व्यावसायिक 76 पंडाल लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मिलेट्स घोषित किया गया है. इसलिए इस मेला में मोटे अनाजों को समर्पित एक विशेष स्टाल लगाया जा रहा है.
लोगों को मोटे अनाज के फायदे बताए जाएंगेःस्टाल पर मिलेट्स के गुणों, उनकी उत्पादन तकनीक और उनसे निर्मित विभिन्न प्रसंस्कृत उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि लोग जान सकें कि मोटे अनाजों से स्वास्थ्य को क्या फायदे हैं. विश्वविद्यालय में चल रही मिलेट्स संबंधी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के साथ-साथ बीएयू के नियंत्रणाधीन कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों और क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्रों में भी वर्ष भर मिलेट्स पर विविध जागरुकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम, सेमिनार-कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. जिसमें फल, फूल, सब्जी, मसाले, औषधीय एवं सुगंधित पौधों से युक्त एक भव्य बागवानी प्रदर्शनी और गोवंश, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, मुर्गी, बत्तख आदि पशु-पक्षियों की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी. वहीं मेला के दूसरे दिन चार मार्च को महिला कृषक संगोष्ठी आयोजिती की जाएगी.