रांची. मांडर विधायक बंधु तिर्की ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को बुधवार को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत आधार कार्ड और सहमति पत्र को अपलोड करने की समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है. इससे कोई भी जरूरतमंद इस योजना से वंचित नहीं रह सके. दरअसल, प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना के तहत गरीबों को आवास प्रदान करने के लिए आधार कार्ड और सहमति पत्र अपलोड करना होता है. इसमें परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड होना जरूरी कर दिया गया है. ऐसे में अगर एक परिवार के 5 या उससे अधिक सदस्यों में से किसी एक का आधार कार्ड नहीं है, तो वह निरस्त हो जा रहा है.
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ऐसी परिस्थिति में संभावना है कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर जिनका अपना और जिनके परिवार में किसी सदस्य का आधार कार्ड नहीं है और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण नहीं बन पाया है. वह भी आवास प्लस योजना के लाभ से वंचित हो गए हैं. ऐसे में बंधु तिर्की ने इस परिस्थिति से अवगत कराते हुए ग्रामीण विकास मंत्री से आधार कार्ड और सहमति पत्र अपलोड करने की समय सीमा अवधि बढ़ाने का आग्रह किया है. ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगो को मिल सके. उन्होंने आग्रह किया है कि आधार कार्ड और सहमति पत्र अपलोड करने की समय अवधि में कम से कम 3 माह का विस्तार किया जाए.
क्या है प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना
पात्रता सूची से छूटे गरीब परिवारों के लिए आवास प्लस योजना एक वरदान है. इस योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना से छूटे गरीब पात्रों को पक्की छत मुहैया करवाई जाएगी. इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कच्चे घरों में रहने वाले गरीबों की सूची तैयार होगी. इससे कि आने वाले दिनों में यह पक्की छत के नीचे गुजर बसर कर सकें. आर्थिक सामाजिक और जातिगत गणना-2011 में हुए सर्वे को आधार मानकर गरीब पात्रों को आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है. पात्रता के आधार पर ब्लाकवार गरीबों का चयन कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है. साल दर साल गरीब पात्रों को आवास योजना का लाभ मिलने के बाद भी गरीब पात्र आवास योजना से वंचित हैं. इसकी वजह साल-2011 में तैयार की गई पात्रता सूची में खामियां रहीं. इससे सालों बीत जाने के बाद भी गरीब पात्र आवास योजना से दूर हैं. गरीब परिवार आए दिन जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी से लेकर खंड विकास अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर आवास देने की गुहार लगाते हैं. अफसर 2011 की पात्रता सूची में नाम होने पर ही लाभ देने की बात कहते हैं. इसकी वजह से गरीब पात्रों को मायूसी लगती है. इस योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना से छूटे गरीब पात्रों को पक्की छत मुहैया करवाई जाएगी.