रांची: झारखंड के जेलों में अब मोबाइल की घंटियां सुनाई नहीं देगी. जेल परिसर के अंदर अब जेलर को भी मोबाइल रखने की इजाजत नहीं है. जेल से रंगदारी मांगने की शिकायत पर जेल प्रशासन ने कैदियों और जेल में कार्यरत कर्मियों पर शिकंजा कस दिया है. अब जेल परिसर में मोबाइल का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी गई है.
जेलर भी नहीं रख पाएंगे मोबाइल
इसके तहत न तो जेल अधिक्षक कारा के भीतर मोबाइल लेकर जा सकते हैं और न ही जेलर या अन्य जेलकर्मी. उन्हें जेल के भीतर जाने से पहले अपना मोबाइल गाड़ी में या फिर गेट पर तैनात कर्मियों के पास जमा करना होगा. इसके बाद ही उन्हें जेल के भीतर जाने की अनुमति दी जाएगी. इस संबंध में जेल आईजी ने आदेश जारी किया है. जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि जेल परिसर में तैनात अधिकारी और कर्मी बात करने के लिए लैंड लाइन का इस्तेमाल करें. अगर वे लैंड लाइन के बजाए मोबाइल से बात करना चाहते हैं तो उन्हें जेल के बाहर से बात करनी होगी.
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आदेश का पालन नहीं करने पर होगी कार्रवाई
जेल आईजी शशि भूषण ने बताया कि जेल में मोबाइल का उपयोग होने की लगातार शिकायतें मिल रही थी. इसी को देखते हुए जेलर से लेकर सभी कर्मियों को जेल के भीतर मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी गई है. जेल के भीतर किसी तरह की परेशानी होने पर लैंड लाइन के जरीए इसकी सूचना बाहर तैनात गार्ड को दें, ताकि तुरंत कार्रवाई हो सके. जेल में अब स्कैनर लगाया जाएगा. जेल प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है. संभवाना व्यक्त की जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर नया स्कैनर जेल में लगा दिया जाएगा. स्कैनर लगने के बाद कोई सामान चाहे वह कैदियों का हो या फिर पुलिसकर्मियों का स्कैन होकर ही भीतर जाएगा. इससे पता चल जाएगा कि जेल के भीतर क्या सामान गया है.
जेल से रंगदारी मांगने की मिलती है शिकायत
रांची के कुख्यात अपराधी जेल से ही अपनी सल्तनत चला रहे हैं. अखिलेश सिंह, सुजीत सिन्हा, अनिल शर्मा, लवकुश शर्मा और लखन सिंह जैसे गैंगस्टर जेल में बैठे-बैठे अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं और सरकारी अधिकारियों से लेकर बड़े ठेकेदारों से रंगदारी वसूल कर करोड़पति बन रहे हैं. खौफ के इस बिजनेस में हर कोई रंगदारी देखकर अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता है, क्योंकि मामला पुलिस के पास पहुंचने के बाद भी रंगदारी देने वालों की सुरक्षा नहीं हो पाती है. मामले पुलिस तक भी जरूर पहुंचते हैं, लेकिन सटीक करवाई नहीं हो पाने की वजह से अपराधी लगातार अपने मंसूबों में कामयाब होते रहते हैं.
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आपराधिक वारदातों में आएगी कमी
हाल के दिनों में कई कुख्यात अपराधी जेल से व्यवसायी और जमीन दलालों से फोन पर रंगदारी की मांग की थी. इस मामले में बरियातू, खेलगांव समेत अन्य थानों में केस भी दर्ज हुआ था. इसी को देखते हुए जेल प्रशासन ने मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी है, ताकि रंगदारी जैसी घटनाएं ना हो सके. रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि हाल के दिनों में लगातार जेल से रंगदारी मांगे जाने की सूचनाएं मिल रही थी. ऐसे में जेल प्रशासन के साथ मिलकर व्यापक सुधार करने की रणनीति तय की गई थी. जेल में मोबाइल पर ब्रेक लगने से आपराधिक वारदातों में कमी आएगी.
जेलों में लगेगा 4 जी जैमर
जेल प्रशासन की ओर से जेल के अंदर मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जैमर लगाने का काम किया गया था, लेकिन 2G जैमर होने की वजह से जेल प्रशासन का यह प्रयास विफल हो गया था, लेकिन अब झारखंड के सभी जिलों में 4G जैमर लगाने का काम शुरू किया जाएगा. 6 महीने के अंदर यह काम हो जाएगा, जिसके बाद जेलों में 4G मोबाइल भी काम नहीं करेंगे. राज्य के विभिन्न जेलों की अंदरूनी सुरक्षा और नेटवर्क की लचर व्यवस्था को लेकर स्पेशल ब्रांच ने पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी. इससे संबंधित पत्र रांची, धनबाद, हजारीबाग और पलामू के एसपी को भेजा गया था. पिछले साल जून महीने में भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि जेल में बंद अपराधी, सुजीत सिन्हा, लवकुश शर्मा, जमशेदपुर जेल में बंद अखिलेश सिंह का शूटर कन्हैया सिंह जेल से ही रंगदारी वसूल रहे हैं.