रांची:आरयू के परफॉर्मिंग एंड फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत शुरू की गई थी. इस डिपार्टमेंट को खोला जरूर गया है, लेकिन इस ओर विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने ध्यान दिया ही नहीं है. इस वजह से इस विभाग में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है.
पहली बैच की शुरुआत
परफॉर्मिंग एंड फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट रांची विश्वविद्यालय का एक महत्वपूर्ण विभाग एक है, जिसमें दो सालों का पीजी कोर्स, थिएटर के अलावा सिनेमा से रिलेटेड पढ़ाई करवाई जाती है. साल 2016 में आरयू में इस कोर्स की पहली बैच की शुरुआत हुई. सेशन 2016 से 18 तक का है, लेकिन फर्स्ट बैच के विद्यार्थियों का ही अब तक कोर्स कंप्लीट नहीं हो पाया है. अभी भी पहला बैच फाइनल एग्जाम के अलावा रिजल्ट के लिए भी इंतजार में बैठा है. इससे जुड़े विद्यार्थी लगातार विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं.
गेस्ट फैकल्टी के भरोसे कोर्स
इस मामले से कुलपति रमेश कुमार पांडे को भी अवगत कराया गया. प्रत्येक सेमेस्टर के लिए 10 हजार रुपए लिए जा रहे हैं, लेकिन पठन-पाठन के मामले में इस विभाग में कुछ भी नहीं होता है. न तो सही तरीके से प्रैक्टिकल होता है और न ही यहां के बच्चों के परीक्षा परिणाम सही समय पर रिलीज किये जाते हैं. विद्यार्थी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. रांची विश्वविद्यालय के इस कोर्स में नामांकन लिए विद्यार्थी अपने आप को ठगा ठगा सा महसूस कर रहे हैं. इस कोर्स के लिए एक भी परमानेंट टीचर नहीं है. गेस्ट फैकल्टी के भरोसे कोर्स चलाए जा रहे हैं.