रांचीःपूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि युवाओं के भविष्य को लेकर सरकार थोड़ी सी भी चिंतित नहीं है. उन्होंने विधानसभा में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार के द्वारा 60-40 नियोजन नीति लाई गई है उससे पूरे राज्य भर के युवाओं में नाराजगी हैं. इसलिए हम लोग सदन में मुख्यमंत्री से इस पर जवाब मांग रहे हैं तो सरकार इससे भाग रही है. सदन में लगातार भाजपा के साथ-साथ सरकार के कई विधायक भी यह चाहते हैं कि नियोजन नीति में हुए संशोधन को पटल पर रखा जाए, लेकिन सरकार इससे भाग रही है.
Jharkhand Budget Session: बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- भाजपा विधायकों की टी-शर्ट से स्पीकर को क्यों है एतराज
60-40 फॉर्मूले पर लायी गई नियोजन नीति को लेकर झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान रोज भाजपा सरकार पर हमलावर हो रही है. वहीं बाबूलाल मरांडी ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार पर झारखंड के युवाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है.
भाजपा विधायकों की टी-शर्ट से स्पीकर को क्यों है एतराजः नियोजन नीति को लेकर भाजपा विधायकों के द्वारा गेरुआ टी-शर्ट पहनकर लगातार सदन में आने पर स्पीकर के द्वारा आपत्ति जताए जाने पर बाबूलाल मरांडी ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि स्पीकर महोदय को भाजपा विधायकों की टी-शर्ट से यदि एतराज है तो मुख्यमंत्री को कहें सदन में भाजपा विधायकों की मांग के अनुरूप नियोजन नीति पर खड़े होकर राज्य की जनता को बताएं, लेकिन ऐसा वह नहीं कहेंगे. क्योंकि वह भी सत्तारूढ़ दल के ही हैं. उन्होंने टी-शर्ट पर लिखी बातों को दोहराते हुए कहा कि आखिर टी-शर्ट से एतराज क्यों है उसमें तो दो ही चीजें लिखी हुई है पहला 60-40 नाय चलतो और दूसरा 1932 का क्या हुआ. सरकार को इस पर राज्य की जनता को बताना चाहिए कि बड़ी-बड़ी बातें कह कर युवाओं को दिग्भ्रमित करने वाली इस सरकार ने आखिर क्या किया है.
कैबिनेट के जरिए नीति लाए जाने पर भाजपा विधायक ने उठाए सवालः बहरहाल आरोप-प्रत्यारोप के बीच सदन की कार्यवाही दिन के 11 बजे से जैसे ही शुरू हुई सदन में भारतीय जनता पार्टी के विधायक नियोजन नीति को लेकर हंगामा करते हुए दिखे. प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने सूचना के तहत सरकार से पूछा कि नियोजन नीति बनाने के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था. 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति की बात हुई थी, लेकिन अचानक सरकार कैबिनेट के जरिए नीति लेकर आ गई. यह सदन की अवमानना है. सीएम को खुद सदन में इस पर जवाब देना चाहिए. मुख्यमंत्री से जवाब की मांग को लेकर सदन में हंगामा होता रहा. भाजपा विधायक वेल में पहुंचकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे. इन सबके बीच सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.