रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को लोकायुक्त को पत्र लिखकर बरहरवा नगर पंचायत के सैरात बंदोबस्ती प्रक्रिया में हुई मारपीट और इस प्रकरण में कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की भूमिका की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है. मरांडी ने कहा है कि इस प्रकरण से संबंधित इन लोगों का धमकी भरा एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ऐसे में यह काफी गंभीर मामला है.
बाबूलाल ने कहा कि किसी मंत्री का काम कानून का शासन स्थापित करना और सरकारी राजस्व के हितों की रक्षा करना है. ना कि सत्ता की ताकत का दुरुपयोग कर ठेका मैनेज कराकर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाना है. सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि ने जिस प्रकार इस मामले में सत्ता की धाक जमा कर क्षेत्र में खौफ पैदा करने का काम किया है. वह सही नहीं ठहराया जा सकता है. पहले तो मंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि द्वारा ठेकेदार को भाग नहीं लेने की बात कही जाती है और जब ठेकेदार टेंडर स्थल पहुंचता है, तो पुलिस प्रशासन के सहयोग से ठेकेदार की पिटाई करवाई जाती है.
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मरांडी ने कहा है कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर कार्रवाई का आग्रह किया है, लेकिन अब तक उनके स्तर से कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है और ऐसे लगता है कि इस मामले में लीपापोती की जा रही है. उन्होंने कहा है कि थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद जिले के एसपी को राज्य पुलिस मुख्यालय से एक नोटिस भी भेजा गया है. ऐसे में साफ हो गया है कि राज्य सरकार इस मामले में संविधान के तहत कोई कार्रवाई नहीं करेगी. उन्होंने लोकायुक्त से आग्रह किया है कि वह अपने स्तर से किसी उपयुक्त एजेंसी से पूरे प्रकरण की जांच कराकर कार्रवाई करें, ताकि मंत्री और अन्य लोगों की असली करतूत जनता के सामने आ सके. साथ ही जगह-जगह हो रहे दलाली, बिचौलिया गिरी और ठेका पट्टा मैनेज के खेल के साथ ही ट्रांसफर पोस्टिंग को कमाऊ उद्योग बनाने के काम में लगे लोगों पर अंकुश भी लग सके.
क्या है बरहरवा प्रकरण