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बाबूलाल ने लिखा सीएम हेमंत को पत्र, कहा- कोटा समेत अन्य राज्यों में फंसे छात्र-छात्राओं को लाएं वापस - Babulal Marandi demanded from government

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है. जिसमें लिखा है कि कोटा समेत अन्य राज्यों में फंसे बच्चों को लाने के लिए पहल की जाय. उन्होंने लिखा है कि जरूरत पड़े तो बड़ी गाड़ियों के साथ जिम्मेवार अधिकारी वहां भेजे जाएं, जो लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित कराते हुए उन बच्चों को वापस झारखंड लाए.

Babulal Marandi wrote a letter to Hemant Soren
बाबूलाल ने लिखा सीएम हेमंत को पत्र

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Published : Apr 20, 2020, 5:19 PM IST

रांची: झारखंड में बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से अपील की है कि लॉकडाउन की वजह से कोटा समेत अन्य राज्यों में फंसे छात्र-छात्राओं को झारखंड वापस लाने के लिए पहल की जाए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसे लेकर सोमवार को एक पत्र लिखा है. उसमें बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राजस्थान के सीएम से बात कर कोटा में पढ़ रहे अपने राज्य के छात्र-छात्राओं को वापस लाकर पुण्य का काम किया है. एक ही जगह पर पढ़ रहे बच्चों में दूसरे राज्य के बच्चों को इस संकट की घड़ी में अपने घर वापस जाता देख वहां पढ़ रहे झारखंड के बच्चों और यहां उनके परिजनों के मनोभाव को आसानी से समझा जा सकता है.


जल्द एक्शन ले सरकार
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार को अविलंब एक्शन लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो बड़ी गाड़ियों के साथ जिम्मेवार अधिकारी वहां भेजे जाएं, जो लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित कराते हुए उन बच्चों को वापस झारखंड लाए. उन्होंने कहा कि राजस्थान की सरकार ने भी कहा है कि जो राज्य चाहे अपने बच्चों को वापस ले जा सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि उन बच्चों को कैसे और कितनी जल्द लाया जाए.

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इलाज कराने बाहर गए लोगों को भी वापस लाने की हो व्यवस्था
बीजेपी नेता ने कहा कि इसके अलावा वैसे लोग जो वेल्लोर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद आदि जगहों पर इलाज के लिए गए थे और लॉकडाउन की वजह से वहां फंस गए हैं, उन्हें भी वापस बुलाने की दिशा में पहल होनी चाहिए. वहीं मरांडी ने इस बात पर भी जोर दिया है, कि बाहर फंसे मजदूरों को भी झारखंड वापस लाने के लिए सरकार सोचे, यह एक गंभीर विषय है. ऐसे में राज्य सरकार से उम्मीद है कि वह शीघ्र ही कोई कदम उठाएगी.

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