रांची: बीजेपी विधायक दल का नेता बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को कहा प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार रेवेन्यू जेनरेशन को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनहित में काम नहीं कर रही है, राज्य के सात लौह अयस्क खदानों को आरक्षित करने का राज्य सरकार का निर्णय इस बात का स्पष्ट प्रमाण है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर और केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार की जा सकती है, इससे राज्य सरकार को 40000 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है, जिसका उपयोग और राज्य के कल्याण के लिए किया जा सकता है.
सरकार का निर्णय खनन नीति के विरुद्ध
मरांडी ने इसे लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को एक पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि 18 अगस्त को राज्य सरकार ने सात लौह अयस्क खानों को झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है, हालांकि राज्य सरकार के इस निर्णय पर केंद्र की सहमति मिलनी बाकी है. राज्य सरकार का यह निर्णय राष्ट्रीय खनन नीति, 2019 के अलग-अलग प्रावधानों के खिलाफ भी है. मरांडी ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि देश में प्राकृतिक संसाधनों का सामान वितरण नहीं है, साथ ही सरकार का यह निर्णय राज्य सरकार को राजस्व का घाटा दिला सकता है.
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बाबूलाल ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र, कहा- आयरन और माइंस आरक्षित करने के राज्य के निर्णय से होगा रेवेन्यू लॉस - बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर एक बार फिर से निशाना साधा है. उन्होंने झारखंड सरकार पर रेवेन्यू जेनरेशन को लेकर गंभीर नहीं रहने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर और केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार की जा सकती है, इससे राज्य सरकार को 40000 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो सकती है. मरांडी ने इसे लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को भी एक पत्र भेजा है.
राज्य में निवेश करने वालों के बीच जाएगा गलत मैसेज
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से राज्य में निवेश करने वाले लोगों के बीच भी इससे गलत मैसेज जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन किसी तरह का प्रीमियम का भुगतान नहीं करने जा रहा है, मौजूदा समय में अलग अलग राज्य सरकार आयरन ओर माइनिंग के ऑक्शन से बाजार दर का लगभग 89 से लेकर 100% तक प्रीमियम हासिल पर कर सकती है, उदाहरण के तौर पर झारखंड को भी औसत बाजार दर का 89% बनगांव आयरन ओर माइंस की नीलामी से 2 साल पहले मिला था. मरांडी ने इसे लेकर केंद्र सरकार से पहल करने की भी दरख्वास्त की है. अपने पत्र के छह पेज की प्रति उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी भेजा है.