रांची: बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर गोड्डा में हुए पुलिसकर्मियों पर हमले को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने गोड्डा जिले के ठाकुर गंगटी में पुलिसकर्मियों पर हुए हमले की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरने से आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर के जरिये कहा है कि कोरोना जैसे संकट में सेवादूत का काम कर रहे पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत करने, इस अवधि का वेतन दोगुना कर हौसला अफजाई करने के बजाय राज्य सरकार इनको हतोत्साहित करने और प्रताड़ित करने में लगी है, जिसके कारण लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं.
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि हिंदपीढ़ी इलाके में तैनात थानेदार को प्रतिबंधित मांस से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति से सख्ती से पूछताछ करने के आरोप में 31 मार्च को हटाया नहीं गया होता, तो शायद वहां की परिस्थति आज इस प्रकार बेकाबू नहीं होती. उन्होंने कहा कि लोहरदगा जिले में कुछ सफेदपोशों के नाम से जुड़ी एक रिपोर्ट सुपुर्द करने वाले विशेष शाखा में पदस्थापित एक डीएसपी का तबादला करना भी सरकार की दूसरी भूल रही है. उन्होंने कहा है कि आश्चर्य का विषय यह है कि डीएसपी की वह रिपोर्ट आरोपियों तक पहुंच गई और आरोपियों ने डीएसपी को हटाने के लिए लिखे पत्र के आधार पर ही डीएसपी को सरकार ने झटके में हटा दिया.
वहीं बाबूलाल ने झारखंड सरकार को कांग्रेस की महागामा विधायक के मामले में भी आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि एक मामले में एफआईआर में विलंब को लेकर थाने में दर्जनों लोगों के साथ कांग्रेस विधायक ने जाकर हंगामा कर लॉकडाउन का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक एक तो लॉकडाउन का उल्लंघन कर रांची से महागामा पहुंच गई, यह अपने आप में जांच और कार्रवाई का विषय है, वहां पर खड़ा होकर दारोगा को सस्पेंड करवाया, परिणामस्वरूप उस इलाके के सभी पुलिसकर्मियों ने विधायक की प्रताड़ना में काम नहीं करने के लिए सरकार से गुहार लगाई है.