रांचीः हेमंत सरकार ने बिजली की बकाया राशि की वसूली को लेकर आरबीआई और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के बीच हुए समझौते से खुद को अलग कर लिया है. सरकार के इस फैसले पर जब प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं कहूंगा. थोड़े दिन बाद इस पर जवाब दूंगा. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार क्या कर रही है उससे कोई मतलब नहीं है. लोगों को हर हाल में बिजली चाहिए.
उन्होंने कहा कि जब वह झारखंड के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब कई निजी कंपनी के लोग उनसे मिलकर बिजली खरीद की पेशकश करते थे. बदले में पार्टी फंड में सहयोग की बात करते थे, लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं किया क्योंकि निजी कंपनियों की बिजली महंगी थी और सरकारी कंपनियों की बिजली सस्ती.
अब यही देखना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड की जनता को कहां से और कैसे बिजली पहुंचाते हैं. यह पूछे जाने पर कि बिजली बकाया मद की वैसी राशि काटी जा रही थी जो कल्याणकारी काम के लिए 15वें वित्त आयोग की तरफ से मिलती थी.