रांचीः झारखंड विकास मोर्चा ने निर्धारित कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर बुधवार को धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में जनादेश समागम का आयोजन किया. जहां पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने बिना सिपहसालार के अकेले ही ताल ठोंक कर चुनाव का शंखनाद किया. उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी सरकार बनाने में जनता सहयोग देगी, तो राज्य के विकास की गाड़ी महज 2 साल में ही दौड़ने लगेगी.
मरांडी को खत्म करने की मंशा विफल
उन्होंने जनादेश समागम के जरिए पार्टी का शक्ति प्रदर्शन किया और जनता के बीच संदेश देते हुए चुनाव में उनके सहयोग से जीत का दावा किया. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार की जेवीएम और बाबूलाल मरांडी को खत्म करने के इरादे कभी पूरे नहीं होंगे. बाबूलाल मरांडी कोई दीवार नहीं बल्कि झारखंड के लोगों के दिलों में बसता है. उसे मिटाना और पार्टी को खत्म करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि इस जनादेश समागम में आए जनसैलाब ने यह संदेश दे दिया है कि विरोधी दल चाहे जितना भी प्रयास करले बाबूलाल मरांडी को नहीं मिटाया जा सकता.
19 साल में जिन समस्याओं का हल नहीं हुआ, जेवीएम 2 साल में करेगी हल
उन्होंने कहा कि जनता ने जिस तरह से जनादेश समागम में आकर हमारा सहयोग किया है, हम विश्वास दिलाते हैं कि यही सहयोग अगर विधानसभा चुनाव में मिला तो पार्टी निश्चित रूप में जीत हासिल करेगी. उन्होंने दावा किया कि 19 सालों में झारखंड की जिन समस्याओं को दूर नहीं किया जा सका है. अगर जेवीएम की सरकार बनती है. महज 2 साल में ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
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13 सालों की जेवीएम की यात्रा रही है सफल
उन्होंने कहा कि जेवीएम की शुरुआत साल 2006 में भय, भूख, भ्रष्टाचार, गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याओं को मिटाने के लिए हुई थी. झारखंड को बने 19 साल हो गए, 13 सालों तक जेवीएम की यात्रा उथल पुथल भरी रही, लेकिन पार्टी ने सफलतापूर्वक यह 13 साल पूरे किए. उन्होंने कहा कि इस दौरान जेवीएम ही एक ऐसी पार्टी रही, जिसने सड़क से लेकर सदन तक जनहित के मुद्दों को लेकर पुरजोर तरीके से संघर्ष किया. उन्होंने आरोप लगाया कि रघुवर सरकार राज्य की समस्याओं को खत्म करने की जगह जेवीएम को ही खत्म करना चाहती है. यही वजह है कि बीजेपी की सरकार आने के बाद जेवीएम के नेताओं को जेल भेज दिया गया. वहीं, जेवीएम के लोग कफन बांधकर निकले हैं. चाहे लाठी चले या गोली चले या फिर सरकार जेल में डाल दें, उनके कदम नहीं रुकेंगे.
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मॉब लिंचिंग को बताया रघुवर राज का भय
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और रघुवर सरकार के 5 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा झारखंड में ही मॉब लिंचिंग की घटना हुई है. यहां तक कि मां भी अपने बच्चे को लेकर घर से निकलने में डर रही है. उन्होंने कहा कि अगर बच्चा रोता है तो लोग बच्चा चोर समझकर उसे ही मार डालेंगे. इससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि जनता भयभीत है और इस भय को पैदा करने की जिम्मेदारी बीजेपी सरकार की है. उन्होंने सीएनटी एसपीटी एक्ट संशोधन के मामले पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि इसके विरोध करने पर कभी देशद्रोही बनाए दिया जाता है तो कभी मौत के घाट उतार दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार आतंक का पर्याय बन गई है.