रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस की वजह से राज्य की स्थिति पूरी तरह बेकाबू और नियंत्रण से बाहर होती जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अब इस बाबत कठोर से कठोरतम कदम उठाने की जरूरत है. बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि टीका-टिप्पणी से बेपरवाह होकर राज्य हित में कठोरतम निर्णय लें. ऐसे किसी भी निर्णय का वह स्वागत करेंगे.
'बढ़ रहे हैं मरीज, घट रहा है रिकवरी रेट'बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजधानी समेत राज्य के हर कोने में मरीज पाए जा रहे हैं. पिछले दिनों कोरोना संक्रमितों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. साथ ही रिकवरी रेट भी काफी कम हो गई है. ऐसे में इस चेन को तोड़ने के लिए सरकार को कठोर से कठोर कदम उठाने से हिचकिचाना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि यह वक्त टीका-टिप्पणी करने का कतई नहीं है. अभी राज्य को इस वैश्विक संकट से मिलजुल कर उबारने का समय है. उन्होंने कहा कि इस बाबत राजधानी रांची के विधायक सीपी सिंह ने भी अपनी तकलीफ सोशल मीडिया पर व्यक्त की है. बाबूलाल ने कहा कि हैरत की बात यह है कि राज्य के नौकरशाह तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं और कोरोना से संक्रमित लोगों को सीसीटीवी लगाने को बोल रहे हैं, ताकि ऑनलाइन कोरोना मरीजों पर नजर रखी जाए.
'राज्य स्तर पर बने एक्सपर्ट की टीम'बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कोरोना से सामना करने के लिए राज्य स्तर पर विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जाए. साथ ही उनका विश्वास अर्जित कर उनकी सलाह अमल में लाई जाए. उन्होंने कहा कि नौकरशाहों के भरोसे विशेषज्ञों की वास्तविक क्षमता का पूर्ण का सदुपयोग राज्य हित में नहीं कराया जा सकता है. अगर अब भी सरकार नहीं चेतती और इस प्रकार का कोई एहतियातन खास निर्णय लेते हुए कठोरतम कदम नहीं उठाए गए तो कोरोना के मामले में विश्व में झारखंड को अव्वल आने से नहीं रोका जा सकता है.
'उठाये गए गलत मुद्दे पर माफी मांगने को तैयार'बाबूलाल मरांडी ने साफ तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कहा कि भले ही उनकी पार्टी बाबूलाल को पत्रवीर या और किसी उपाधि से नवाजे, लेकिन राज्य हित में सरकार को सुझाव देना उनका कर्तव्य है और यह जारी रहेगा. साथ ही बाबूलाल ने यह भी कहा कि लॉकडाउन लगने के बाद जितने भी पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे हैं सब पर एक सरसरी निगाह डाल लें. उसमें से अगर उनका लिखा एक भी पत्र गलत होगा तो वह सार्वजनिक रूप से सीएम से माफी मांग लेंगे.