सूरत: गुजरात उच्च न्यायालय ने पत्थलगड़ी आंदोलन की कार्यकर्ता और झारखंड की मूल निवासी बबीता कच्छप को जमानत दे दी है. बबीता कच्छप फेसबुक पेज पर सरकार विरोधी गतिविधियों के साथ एक पोस्ट करने के आरोप में एक साल से जेल में बंद थी. बबीता की जमानत मंजूर होने पर उन्होंने प्रशंसकों के साथ ढोल-नगाड़े बजाकर जश्न मनाया. इतना ही नहीं, सूरत की सब जेल के बाहर आने के बाद बबीता अपने साथियों के साथ पारंपरिक आदिवासी नृत्य करती नजर आईं.
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बबीता कच्छप पत्थलगड़ी आंदोलन से जुड़ी हैं. बबीता कच्छप गुजरात के तापी जिले की रहने वाली हैं. बबीता लंबे समय से पंचमहल, महिसागर और केवड़िया और नर्मदा जिले में सक्रिय है. पत्थलगड़ी से जुड़ी बबीता गुजरात के आदिवासी इलाकों में आंदोलन से जुड़ी गतिविधियों की अगुवाई कर रही हैं. लेकिन उन्हें एक साल पहले फेसबुक पर सरकार विरोधी टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. बबीता पर आरोप है कि उन्होंने केवड़िया, दाहोद, छोटा उदयपुर और व्यारा के आदिवासी इलाकों में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लोगों को संविधान के प्रावधानों की गलत व्याख्या कर उन्हें भड़काया था. इस आंदोलन में देश के किसी भी कानून को नहीं मानते हुए सिर्फ आदिवासी ग्राम सभा को सर्वोच्च मानने की बात कही जा रही थी.